'धार्मिक महत्व के स्थानों पर दुनिया भर के तीर्थयात्री जा सकते हैं'

एपीएससीसी के अध्यक्ष जगमोहन सिंह रैना ने एक बयान में कहा कि श्रीनगर को 20 देशों के प्रतिनिधियों की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि चूंकि जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में कई धार्मिक महत्व के स्थान हैं, इसलिए विदेशियों के लिए परेशानी मुक्त वीजा सेवाएं शुरू करना महत्वपूर्ण है ताकि वे बिना किसी कठिनाई के स्थानों पर जा सकें।
रैना ने कहा “जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में धार्मिक पर्यटन की जबरदस्त गुंजाइश है। जामिया मस्जिद, श्रीनगर, दरगाह हजरतबल, गुरुद्वारा छट्टी पादशाही, श्रीनगर, माता वैष्णो देवी, कटरा-जम्मू, खीर भवानी, तुलमुल्ला-गंदरबल तथा लद्दाख के गुम्पा जैसे धार्मिक स्थानों में एक जन अपील है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन पर नहीं रखा गया है।"
APSCC के अध्यक्ष ने कहा कि धार्मिक महत्व के इन स्थानों पर दुनिया भर के तीर्थयात्री तभी जा सकते हैं जब उदार वीजा नीति पेश की जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार, जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख प्रशासन को सऊदी अरब, पाकिस्तान तथा चीन की सरकारों की नीति से सीख लेनी चाहिए क्योंकि उन्होंने उदार वीजा के तहत मक्का, मदीना, गुरुद्वारा ननकाना साहिब तथा कैलाश पर्वत जैसे धार्मिक महत्व के स्थानों को खोल दिया है।
रैना ने कहा कि पर्यटन पर मास्टर प्लानिंग शुरू करने की सख्त जरूरत है, जो जम्मू-कश्मीर के पर्यटन परिदृश्य को एक नया आयाम तथा अर्थ देगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने पर्यटन के इस महत्वपूर्ण पहलू पर कभी ध्यान नहीं दिया लेकिन वर्तमान व्यवस्था को अतीत में की गई गलतियों को सुधारने का प्रयास करना चाहिए।
रैना ने कहा कि “कई लालची लोगों ने गुलमर्ग तथा पहलगाम जैसे पर्यटन महत्व के स्थानों के परिदृश्य को लगभग ख़राब कर दिया है। कई मॉल तथा ऊंची इमारतों के निर्माण के कारण श्रीनगर शहर का दृश्य भी विकृत हो गया है। पर्यटन रिसॉर्ट तथा क्लस्टर बनाने की जरूरत है ताकि बेरोजगार युवा अपनी आजीविका कमाने लगें।
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