2022 में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर 93 मौतें, 648 दुर्घटनाएं हुईं: केंद्रीय मंत्रालय।

श्रीनगर 24 मार्च: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले साल जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग 648 सड़क दुर्घटनाएं और 93 मौतें हुईं। आधिकारिक दस्तावेजों केअनुसार, मंत्रालय ने सूचित किया कि भूस्खलन के कारण सड़क बंद होना आम तौर पर केवल कुछ घंटों तक रहता है।

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि एनएच-44 के जम्मू-श्रीनगर खंड में, 260 किमी लंबाई में से, लगभग 210 में फोर-लेन किमी - 21.50 किमी की लंबाई में 10 सुरंगों सहित-पहले ही पूरा हो चुका है। आधिकारिक दस्तावेज़ में कहा गया है, "छह सुरंगों (9.664 किमी लंबाई में) और वायडक्ट (6.02 किमी) सहित शेष 50 किमी में चार लेन का काम प्रगति पर है, जिसे अगस्त, 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।"

जम्मू श्रीनगर राजमार्ग पर पर्यावरणीय खतरों के कारण किसी नवनिर्मित सुरंग के ढहने के संबंध में मंत्रालय ने यह सुचना दी हे कि अब तक नवनिर्मित सुरंग का ऐसा कोई पतन नहीं हुआ है। मंत्रालय द्वारा बताया जा रहा है कि इन सुरंगों और वायाडक्ट के पूरा होने के बाद, पूरा एनएच-44 भूस्खलन के प्रभाव से मुक्त हो जाएगा और जम्मू और श्रीनगर के बीच सभी मौसम में संपर्क सुनिश्चित हो जाएगा।

चार लेन के कार्य के हिस्से के रूप में और पहचान किए गए ब्लैक स्पॉट्स के सुधार के लिए, अतिरिक्त साइनेज, रोड मार्किंग, रंबल स्ट्रिप्स, क्रैश बैरियर, लाइटिंग क्रैश बैरियर के साथ-साथ जंक्शन के सुधार आदि को सभी महत्वपूर्ण चिन्हित दुर्घटना प्रवण वर्गों में प्रदान किया गया है जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और दुर्घटनाओं और मौतों को कम करना संभव हो पाएगा। 




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