इस कदम का उद्देश्य दूरदराज और बर्फीले क्षेत्रों में बेहतर कवरेज सुनिश्चित करना है, जहाँ सर्वेक्षण कठिन रहा है।
मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह निर्णय उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोध पर लिया गया है, जिन्होंने सभी पात्र ग्रामीण परिवारों की पहचान के लिए अतिरिक्त समय मांगा था। इस विस्तार का उद्देश्य विशेष रूप से दूरदराज़ और बर्फीले क्षेत्रों में कवरेज सुनिश्चित करना है, जहाँ सर्वेक्षण करना कठिन रहा है।
विज्ञप्ति के अनुसार, यह अतिरिक्त समय स्व-रिपोर्ट किए गए मामलों का अधिक सटीक सत्यापन करने और यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि कोई भी पात्र लाभार्थी योजना से वंचित न रह जाए।
जम्मू-कश्मीर में 30 अप्रैल, 2025 तक कुल 4,74,076 संभावित लाभार्थियों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। जिलावार आंकड़ों में राजौरी (55,489), पुंछ (52,568) और कुपवाड़ा (41,629) जैसे ज़िलों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है।
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