यह रिपोर्ट मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में प्रस्तुत की जाएगी
मंत्री इटू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा, "आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित कैबिनेट उप-समिति ने छह महीने की निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है, जो कैबिनेट के समक्ष पेश की जाएगी।"
उल्लेखनीय है कि मार्च 2024 में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के प्रशासन द्वारा जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में संशोधन किया गया था। इस संशोधन के तहत सरकारी नौकरियों में आरक्षण को 43% से बढ़ाकर 70% कर दिया गया, जिसमें पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल किया गया।
इस परिवर्तन के बाद विभिन्न समुदायों में असंतोष और विरोध की लहर देखने को मिली, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसके प्रभावों की समीक्षा के लिए कैबिनेट उप-समिति का गठन किया था। समिति को अपनी रिपोर्ट छह महीने के भीतर सौंपने का लक्ष्य दिया गया था, जिसे अब पूरा कर लिया गया है।
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