
अधिकारियों ने बताया कि लंगर सामग्री और ढांचे लेकर आने वाले ट्रक 15 जून से जम्मू-कश्मीर में पहुंचना शुरू हो जाएंगे और इस माह के अंत तक लंगर स्थापना का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
38 दिवसीय यह वार्षिक यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन संपन्न होगी। पहला जत्था 2 जुलाई को जम्मू से रवाना होगा।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा अधिकृत लंगर संगठनों को इस वर्ष भी लखनपुर से लेकर श्रीनगर, पहलगाम और बालटाल तक लंगर स्थापित करने की अनुमति दी गई है। इनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के संगठन शामिल हैं।
स्थापित किए जाने वाले प्रमुख लंगरों में शामिल हैं : बालटाल और दोमेल में 25 पवित्र गुफा में 13 शेषनाग में 8 पिस्सूटॉप में 5 पंचतरणी में 12 चंदनवाड़ी में 7 नुनवान में 9 जोजीबल में 5 इसके अलावा, जम्मू बेस कैंप (भगवती नगर) में 5 लंगर तथा जम्मू-पठानकोट और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगभग 50 लंगर लगाए जाएंगे।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने लंगर संगठनों के लिए भोजन मेनू को अंतिम रूप दे दिया है और उन्हें तेलयुक्त खाद्य पदार्थों से परहेज करने के निर्देश दिए हैं ताकि तीर्थयात्रियों को बेहतर और स्वास्थ्यवर्धक भोजन उपलब्ध कराया जा सके।
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