पहलगाम की घटना के तुरंत बाद, जिसने घाटी के पर्यटन पर ग्रहण लगा दिया था, न्यायाधीशों की हाई-प्रोफाइल यात्रा को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण आश्वासन के रूप में देखा जा रहा है।

यह यात्रा क्षेत्र में स्थिरता और पर्यटन के प्रति बढ़ते भरोसे का प्रतीक मानी जा रही है। कश्मीर न्यूज ऑब्जर्वर (केएनओ) के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल में न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज, न्यायमूर्ति पंकज जैन, न्यायमूर्ति जसजीत सिंह बेदी, न्यायमूर्ति निधि गुप्ता, न्यायमूर्ति हरकेश मनुजा, न्यायमूर्ति अमन चौधरी, न्यायमूर्ति एनएस शेखावत और न्यायमूर्ति विक्रम अग्रवाल शामिल हैं।
न्यायाधीशों का यात्रा कार्यक्रम कश्मीर के प्रमुख स्थलों जैसे शालीमार और निशात बाग, डल झील पर शिकारा सवारी, परी महल की ऐतिहासिक सैर और पोलो व्यू मार्केट में खरीदारी जैसे अनुभवों से भरपूर है।
हाल ही में पहलगाम में हुई घटना के बाद पर्यटन पर छाई आशंका के बीच इस हाई-प्रोफाइल यात्रा को पर्यटकों के लिए विश्वास का संकेत माना जा रहा है। स्थानीय होटल व्यवसायियों, ट्रैवल एजेंटों और शिल्पकारों ने बुकिंग में बढ़ोतरी की पुष्टि की है।
श्रीनगर के एक टूर ऑपरेटर ने कहा, “यह यात्रा सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश देती है कि कश्मीर सुरक्षित, शांतिपूर्ण और पर्यटकों का स्वागत करने वाला गंतव्य है।”
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य न्यायमूर्ति विक्रम अग्रवाल ने घाटी की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए देशवासियों से कश्मीर आकर इसकी प्राकृतिक सुंदरता और मेहमाननवाज़ी का अनुभव करने की अपील की।
इस पहल को स्थानीय पर्यटन उद्योग के लिए संजीवनी के रूप में देखा जा रहा है, जो न केवल विश्वास बहाल करता है, बल्कि कश्मीर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में और भी सशक्त करता है।
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