कठुआ मुठभेड़ों से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की बदलती रणनीति उजागर हुई : पुलिस

क्षेत्र में हिंसा फैलाने की साजिश का खुलासा, 3-4 आतंकवादी फरार, घुसपैठ का रास्ता सामने आया, सुरक्षा कड़ी की गई।

श्रीनगर, 17 अप्रैल :  कठुआ जिले में हालिया मुठभेड़ों ने पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों द्वारा उपयोग किए गए एक पुराने घुसपैठ मार्ग का पर्दाफाश किया है। पुलिस के अनुसार, इस रास्ते का इस्तेमाल कर लंबे समय तक हिंसा फैलाने की साजिश रची गई थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) शोभित सक्सेना ने बुधवार को जानकारी दी कि इन मुठभेड़ों के दौरान कई आतंकवादी मारे गए और बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, मादक पदार्थ और पाकिस्तान-निर्मित सामान बरामद हुए हैं।

एसएसपी ने कहा कि मारे गए आतंकवादी सिर्फ एक बार की कार्रवाई के इरादे से नहीं आए थे, बल्कि वे दीर्घकालिक आतंकी अभियान की तैयारी के साथ घुसपैठ कर रहे थे। 27 मार्च को सफियान के जंगल में मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इससे पहले हीरानगर क्षेत्र में भी घुसपैठ की कोशिश नाकाम की गई थी।

पुलिस का मानना है कि अभी भी तीन से चार आतंकवादी फरार हैं। सुरक्षा बलों ने सीमावर्ती इलाकों से लेकर आंतरिक क्षेत्रों तक बहुस्तरीय सुरक्षा तैनाती की है। एसएसपी सक्सेना ने स्थानीय लोगों की सतर्कता और सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि समय पर मिली सूचनाओं से सुरक्षा बलों की रणनीति को मजबूती मिली है।

आतंकी नेटवर्क के खिलाफ अभियान के तहत अब तक 30 संदिग्धों पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत कार्रवाई की गई है। सुरक्षा एजेंसियाँ इन घटनाओं को जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की एक साजिश के रूप में देख रही हैं।



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