जांच से पता चला कि आरोपपत्रित तीनों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों तथा अन्य लोगों पर आतंकवादी हमले करने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी।

एक हैंडआउट में, एनआईए ने कहा कि वह जम्मू और कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों पर अपना शिकंजा और कस रही है। कश्मीर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चिपचिपे बम, आईईडी और छोटे हथियारों आदि के साथ हिंसक आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश रचने के लिए प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक शाखा से जुड़े तीन और लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि आरोपपत्र में शामिल आरोपियों में एक पाकिस्तानी नागरिक हबीबुल्लाह मलिक उर्फ साजिद जट्ट उर्फ सैफुल्लाह, नूमी नुमान लंगडा, अली साजिद, उस्मान हबीब उर्फ शनि शामिल है, जो पाक पंजाब के कसूर जिले का रहने वाला है। वह पुंछ और राजौरी जिलों में विभिन्न आतंकवादी हमलों में शामिल पाया गया है।
कश्मीर के शोपियां के रहने वाले हिलाल याकूब देवा उर्फ सेठी सोआब और मुसिआब फैयाज बाबा उर्फ शोएब उर्फ जरार के साथ हबीबुल्ला का नाम आज एनआईए की विशेष अदालत, जम्मू के समक्ष दायर पूरक आरोप पत्र में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत शामिल किया गया है। यूए (पी) अधिनियम, 1967 पूरक आरोपपत्र 21 जून 2022 को एनआईए द्वारा स्वत: संज्ञान से दर्ज मामले (आरसी-05/2022/एनआईए/जेएमयू) की जांच के बाद है। यह मामला शारीरिक रूप से रची गई साजिश से संबंधित है। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर में भय और आतंक फैलाने और शांति को बाधित करने के लिए साइबरस्पेस में घुसपैठ की जा रही है।
भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से जीके डब्ल्यूबी हबीबुल्लाह मलिक पाकिस्तान स्थित द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का एक सक्रिय कमांडर था, जो प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी संगठन की एक शाखा थी। उन्होंने कहा, वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कमजोर कश्मीरी युवाओं को टीआरएफ/एलईटी में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में लगा हुआ था।
एनआईए की जांच के अनुसार, हबीबुल्लाह ने अन्य दो आरोपियों, हिलाल और मुसिआब को कट्टरपंथी बना दिया था, दोनों ने उसके लिए ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा, हबीबुल्लाह के निर्देश पर, दोनों ओडब्ल्यूजी ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को सुविधाजनक बनाने और समर्थन करने के लिए उनके अन्य ओजीडब्ल्यू से धन और हथियार एकत्र कर आतंकियों तक पहुंचाए थे।
उन्होंने कहा कि पूरी साजिश जम्मू-कश्मीर में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए स्थानीय युवाओं को प्रेरित करके और भूमिगत कार्यकर्ताओं को संगठित करके आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की बड़ी योजनाओं का हिस्सा पाई गई।
विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर में अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नए संगठन तैयार करने के साथ, एनआईए ने हाल के महीनों में इस क्षेत्र में अपनी कार्रवाई और जांच तेज कर दी है। एनआईए की जांच के दायरे में द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू और कश्मीर तथा अन्य जैसे संगठन हैं।
मुजाहिदीन गज़वत-उल-हिंद (MGH), जम्मू & कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (जेकेएफएफ), कश्मीर टाइगर्स, पीएएएफ और अन्य। ये संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम), अल-बद्र, अल-कायदा आदि से संबद्ध हैं।
आतंकवाद रोधी एजेंसी ने आतंकवाद को पुनर्जीवित करने और जम्मू एवं कश्मीर की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की इन संगठनों की साजिश को विफल करने के लिए अपना अभियान तेज कर दिया है।
0 टिप्पणियाँ