
माँ तथा अजन्मे बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपातकालीन प्रसव में सहायता की।
श्रीमती हरमिदा बेगम पत्नी श्री नासिर अहमद निवासी जड्डा गांव, तंगधार द्वारा संदर्भित किया गया की तंधार के चिकित्सा कर्मचारीयो द्वारा महिला को साधना दर्रे से एम्बुलेंस में ले जाया गया। जो गंभीर रूप से प्रसव पीड़ा मे थी। हालाँकि, कुछ मिनटों के बाद एंबुलेंस साधना पास वापिस लौट आई क्योंकि महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी तथा मरीज के साथ जाने वाले मेडिकल स्टाफ को इलाज करने में दिक्कत हो रही थी। प्रसव के दौरान अप्रत्याशित जटिलताओं को देखते हुए मेडिकल स्टाफ ने भारतीय सेना (साधना पास) के मेडिकल स्टाफ से संपर्क किया तथा उन्हें प्रक्रिया में शामिल कर लिया गया।
अनुभव के साथ अच्छी तरह से प्रशिक्षित भारतीय सेना के मेडिकल स्टाफ ने काफी लचीलापन दिखाया। तथा समय पर डिलीवरी की जिससे चिंतित परिवार के सदस्यों को खुशी मिली। स्थान की मान्यता तथा सम्मान के लिए बच्ची का नाम उसके माता-पिता द्वारा 'साधना' रखा गया।
भारतीय सेना के अथक प्रयासो तथा नागरिको के प्रति दर्यादिली एक बार फिर सामने आई है। कश्मीर के नागरिकों को बिना शर्त समर्थन का आश्वासन दिया।
नवजात बच्चे के माता-पिता तथा रिश्तेदारों ने सेना के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
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