उधमपुर: जम्मू संभाग के उधमपुर जिले की एक स्थानीय अदालत ने दो कनाल जमीन के लिए अपनी मां की बेरहमी से हत्या करने वाले एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई तथा इस अपराध को विश्वासघात का सबसे जघन्य मामला करार दिया।
प्रधान सत्र न्यायाधीश उधमपुर हक नवाज जरगर ने 2014 में अपनी मां वैष्णो देवी की हत्या के आरोप में रसैन तहसील रामनगर निवासी कृष्ण सिंह जाति ठाकुर के पुत्र जीत सिंह को मौत की सजा सुनाई।
कोर्ट ने पाया कि दोषी ने जब 2 कनाल जमीन के लिए अपनी मां को कुल्हाड़ी से मार डाला तो वह पूरे होश में था। न्यायाधीश ने कहा, "यह विश्वासघात का सबसे गंभीर मामला था जहां दोषी द्वारा सबसे क्रूर तरीके से अपराध किया गया था तथा मृतक कोई और नहीं बल्कि वह थी जिसने दोषी को जन्म दिया था।"
यह स्पष्ट है कि तत्काल अपराध इस कारण से किया गया है कि दोषी मृतक से दो कनाल जमीन मांग रहा था तथा उसे दूसरे बेटे मुलख राज के साथ रहने के लिए कह रहा था।
अदालत ने कहा, "अपनी मां को मारना सबसे घोर अपराध कार्य है तथा यह निश्चित रूप से मानवता के अस्तित्व पर चोट करता है जहां माताओं को गर्भ धारण करने तथा बच्चों को जन्म देने की क्षमता के लिए भगवान से कम नहीं माना जाता है तथा इस ब्रह्मांड को बनाने की ईश्वर की शक्ति का प्रतीक है और इसके अलावा अपने बच्चों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो बच्चे के पहले शिक्षक हैं। अगर उन्ही के साथ ऐसा घिनोना कार्य कोई करता है तो वह कठिन से कठिन दण्ड पाने का अधिकार रखता है।"
यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि जब उसकी पत्नी ने मृतका को बचने की कोसीस की तो उसने अपनी पत्नी पर भी जान लेवा हमला किया था।
अदालत ने आगे कहा कि मौजूदा मामले में दोषी जीत सिंह को धारा 302, 307 आरपीसी और 4/25 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया है। "यह अदालत शायद ही दोषी के पक्ष में कोई कम करने वाली परिस्थिति पाती है। इसमें ऊपर की गई चर्चा और मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर, दोषी जीत सिंह को 10 साल के कठोर कारावास और दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी गई है। साथ धारा 302 के तहत मौत की सजा सुनाई जाती है।
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