जम्मू-कश्मीर, साइबर सुरक्षा उपायों के बारे में छात्रों को संवेदनशील बनाने के लिए विशेष अभियान शुरू करेगा

श्रीनगर: बढ़ते साइबर अपराधों से परेशान जम्मू-कश्मीर सरकार ने सोशल मीडिया सुरक्षा उपायों तथा साइबर सुरक्षा के बारे में छात्रों को जागरूक करने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है।

समाज कल्याण विभाग के अधिकारी स्कूलों और कॉलेजों का दौरा करेंगे तथा  छात्रों के साथ प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेंगे। प्रशिक्षक सोशल मीडिया, साइबर सुरक्षा तथा साइबर अपराध का उपयोग करने के बारे में बतायेंगे।

समाज कल्याण विभाग के आयुक्त सचिव शीतल नंदा, ने कहा हम कॉलेजों में जाकर छात्र तथा छात्राओं से बात कर रहे हैं। हम उन्हें सोशल मीडिया के इस्तेमाल के बारे में प्रशिक्षण देंगेतथा उन्हें साइबर सुरक्षा के बारे में बताएंगे। हम उन्हें इंटरनेट का उपयोग करते समय सुरक्षा उपायों के बारे में भी बताएंगे।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने बताया कि 2021 में जम्मू-कश्मीर में साइबर अपराधों के 154 मामले दर्ज किए गए। 2020 में साइबर अपराधों के लगभग 120 मामले दर्ज किए गए। 2019 में यह संख्या 73 थी। पिछले दो वर्षो  में साइबर अपराध की दर लगभग 110 प्रतिशत बढ़ी है। साल 2021 में अश्लील तथा यौन रूप से स्पष्ट कृत्यों के प्रकाशन और प्रसारण से संबंधित लगभग 45 मामले सामने आए है।

एनसीआरबी ने खुलासा किया है कि महिलाओं के खिलाफ 39 और बच्चों के खिलाफ चार साइबर अपराध किए गए। इसी तरह, साइबर स्टाकिंग और महिलाओं तथा बच्चों को डराने-धमकाने के छह मामले सामने आए। जम्मू-कश्मीर लंबे समय से साइबर अपराधियों के रडार पर है। यहां तक ​​कि देश में नफरत फैलाने के अलावा समुदायों के बीच अशांति और अविश्वास पैदा करने के लिए सोशल मीडिया का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। अपराधी तेजी से तकनीकी प्रगति का दुरुपयोग कर रहे हैं और समाज के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा की साइबर अपराध पर जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने के साथ-साथ घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के तहत संरक्षण अधिकारियों के प्रशिक्षण की भी योजना बनाई जाएगी। हिंसा से बचे लोगों के लिए उपलब्ध संसाधनों की एक निर्देशिका बनाने के लिए एक पोर्टल विकसित किया जाएगा।

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