सरकार की प्रवर्तन क्षमता को मजबूत करने के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी

पिछले एक दशक में खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने करीब 4,000 किलोग्राम “अस्वच्छ और असुरक्षित” मांस और पोल्ट्री नष्ट किया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि असुरक्षित भोजन का भंडारण या बिक्री करने वालों पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा, “यह गंभीर समस्या लंबे समय से अनदेखी रही है। बेईमान तत्व लोगों के स्वास्थ्य और जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं, जिसे अब रोकना जरूरी है।” उन्होंने अधिकारियों की इस अभियान को शुरू करने और खाद्य श्रृंखला में व्याप्त खामियों को उजागर करने के लिए सराहना भी की।
गुणवत्ता नियंत्रण को सख्त करने के लिए लखनपुर और काजीगुंड में प्रवेश बिंदु पर जांच चौकियां और परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने का आदेश दिया गया है। साथ ही प्रत्येक जिला मुख्यालय पर खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं बनाने की योजना है, ताकि मटन, चिकन और अन्य शीघ्र नष्ट होने वाले खाद्य पदार्थों की जांच की जा सके।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में निरीक्षण अभियान तेज करने, उपायुक्तों द्वारा औचक निरीक्षण करने और मोबाइल खाद्य परीक्षण वैन तुरंत तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे कानून को अपने हाथ में लेने के बजाय खाद्य सुरक्षा उल्लंघनों की सूचना अधिकारियों को दें।
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