एक डॉक्टर ने बताया कि कुछ लोग निजी केंद्रों पर जांच करा रहे हैं, इसलिए सभी मामले तुरंत डैशबोर्ड पर नहीं दिखते, लेकिन स्थिति चिंताजनक नहीं है।
डॉक्टरों के अनुसार, सभी नए संक्रमित मरीजों में केवल हल्के लक्षण देखे गए हैं और किसी को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। उन्होंने यह भी बताया कि कई लोग निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों में जांच करा रहे हैं, जिनके आंकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय के डैशबोर्ड पर तुरंत नहीं दिखाई देते।
जीएमसी श्रीनगर के पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नवीद नजीर शाह ने बताया कि वर्तमान में फैल रहे कोविड वेरिएंट से संक्रमित अधिकांश मरीजों में हल्का बुखार, खांसी और गले में खराश जैसे सामान्य फ्लू के लक्षण पाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि "कई लोग टेस्ट नहीं करा रहे हैं, और सरकारी अस्पतालों में ऐसे बहुत कम मरीज आ रहे हैं।"
उन्होंने लोगों को भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने और फ्लू जैसे लक्षणों पर खुद को दूसरों से अलग रखने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि यदि बच्चों को बुखार या खांसी हो तो उन्हें स्कूल न भेजा जाए।
खैबर अस्पताल के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. शौकत शाह ने कहा कि कोविड अब पहले जैसा गंभीर नहीं रहा, लेकिन बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि "क्रोनिक बीमारियों, किडनी रोग, श्वसन समस्याओं या इम्यूनोसप्रेसेंट दवाएं लेने वालों को भीड़ और फ्लू से पीड़ित लोगों से बचना चाहिए।"
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमिक्रॉन के जेएन.1, एनबी.1.8.1, और एलएफ.7 जैसे उप-वेरिएंट को "निगरानी में रखे गए वेरिएंट" की श्रेणी में रखा है। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन लापरवाही से संक्रमण फिर से फैल सकता है।
0 टिप्पणियाँ