गतिज, गैर-गतिज उपायों का उपयोग करके खतरों को विफल किया गया ; किसी नुकसान की सूचना नहीं : पीआरओ रक्षा जम्मू

रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह हमला हाल ही में इजरायल पर हमास की ओर से किए गए रॉकेट हमलों जैसा था — "कम लागत, उच्च मात्रा" की रणनीति का प्रयोग करते हुए किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सेना आतंकी समूहों जैसी रणनीतियाँ अपना रही है।
घटना के दौरान उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) और जैसलमेर (राजस्थान) में भी कई पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए, जिन्हें वायु रक्षा प्रणाली ने सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया। ड्रोन विफल करने के बाद स्थानीय इलाकों में विस्फोट और रोशनी की चमक देखी गई।
पीआरओ डिफेंस जम्मू, लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील ने बताया कि जम्मू, पठानकोट और उधमपुर के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था, लेकिन भारतीय सेना ने मानक संचालन प्रक्रियाओं के तहत खतरों को तुरंत बेअसर कर दिया। किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
इसी रात नियंत्रण रेखा (LoC) के पार कुपवाड़ा, बारामुल्ला, उरी और अखनूर में भी पाकिस्तानी सेना ने छोटे हथियारों और तोपों से बिना उकसावे के गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया।
बढ़ते तनाव के बीच, सुरक्षा एजेंसियों ने किश्तवाड़, सांबा, जम्मू, अखनूर और अमृतसर सहित कई संवेदनशील क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर पूर्ण ब्लैकआउट लागू कर दिया है। यह उपाय संभावित मिसाइल और ड्रोन खतरों के मद्देनज़र उठाया गया है।
इस घटनाक्रम को हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकी ढांचे पर सटीक हमला किया था।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तान ने अब कुपवाड़ा, बारामुल्ला, पुंछ, मेंढर और राजौरी जैसे सेक्टरों में मोर्टार और भारी तोपखाने से फायरिंग की तीव्रता बढ़ा दी है। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह तनाव नहीं बढ़ाना चाहता, लेकिन किसी भी हमले का सख्ती से जवाब दिया जाएगा।
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