जम्मू-कश्मीर के एसएचए ने पीएमजेएवाई के तहत इलाज से इनकार करने पर 11 सरकारी अस्पतालों की खिंचाई की


श्रीनगर, 26 मई : जम्मू-कश्मीर की राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) ने आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) और सेहत योजना के तहत इलाज से इनकार करने और आयुष्मान कार्ड को अस्वीकार करने के मामले में प्रदेश के 11 प्रमुख सरकारी अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

यह पहली बार है जब दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना—जो प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराती है—के तहत ऐसे कड़े कदम उठाए गए हैं।

एसएचए को टेली-कॉलिंग निष्कर्षों पर आधारित एक रिपोर्ट पैरामाउंट हेल्थ सर्विसेज एंड इंश्योरेंस टीपीए प्राइवेट लिमिटेड से प्राप्त हुई, जिसमें अस्पतालों में भर्ती लाभार्थियों द्वारा अपनी जेब से भुगतान करने की शिकायतें सामने आईं। रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि कई लाभार्थियों को कैशलेस सुविधा का लाभ नहीं मिला।

जिन सरकारी अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है उनमें शामिल हैं: एसकेआईएमएस सौरा, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल श्रीनगर, एसएमएचएस श्रीनगर, जेएलएनएम श्रीनगर, एसएमजीएस जम्मू, जीएमसी जम्मू, जीएमसी उधमपुर, जीएमसी राजौरी, बाल अस्पताल बेमिना, सरकारी अस्पताल गांधी नगर, और एसकेआईएमएस मेडिकल कॉलेज बेमिना।

राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, इन संस्थानों द्वारा कैशलेस स्वास्थ्य सेवा से इनकार योजना के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है, और इससे योजना के मूल उद्देश्य—सभी को सुलभ और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा—को नुकसान पहुंचता है।

एसएचए ने संबंधित अस्पतालों को सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो जुर्माना, योजना से निलंबन अथवा कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

गौरतलब है कि इस साल जनवरी में एसएचए ने चार निजी अस्पतालों के पैनल को निलंबित कर जुर्माना लगाया था और एक अन्य पर मुफ्त इलाज न देने के लिए दंडात्मक कार्रवाई की थी।

अधिकारियों ने दोहराया कि ऐसे उल्लंघनों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि ये गरीब और जरूरतमंदों को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के प्रयासों को कमजोर करते हैं।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ