पर्यटकों की घाटी से बाहर निकलने की वजह से 7 अतिरिक्त उड़ानें, विशेष ट्रेनें शुरू की गईं, 112 आने-जाने वाली उड़ानों में 17,600 से अधिक यात्रियों ने यात्रा की

घटना में 26 लोगों की जान जाने के बाद, पर्यटक अपने कार्यक्रमों को रद्द कर घाटी से जल्द से जल्द बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। सुबह से ही श्रीनगर एयरपोर्ट पर टिकट काउंटर और सुरक्षा जांच चौकियों पर लंबी कतारें देखी गईं। अचानक बढ़ी मांग के चलते हवाई किरायों में भी तेज़ी से बढ़ोतरी हुई, जिससे कई यात्री मुश्किल में आ गए।
स्थिति को देखते हुए इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट ने श्रीनगर से सात अतिरिक्त उड़ानें शुरू कीं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जानकारी दी कि ज़रूरत पड़ने पर और भी अतिरिक्त उड़ानें उपलब्ध कराई जाएंगी। मंत्रालय ने एयरलाइनों को किराया न बढ़ाने का निर्देश दिया है। साथ ही, सभी एयरलाइनों ने अगले सप्ताह की उड़ानों के लिए रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण शुल्क माफ कर दिया है।
श्रीनगर एयरपोर्ट के प्रवक्ता विनोद जदली ने बताया कि बुधवार को कुल 17,653 यात्रियों ने हवाई अड्डे से यात्रा की, जिसमें 56 आगमन और 56 प्रस्थान सहित 112 निर्धारित उड़ानें शामिल थीं। इसके अलावा, 9 गैर-निर्धारित उड़ानें भी संचालित की गईं।
प्रवक्ता ने कहा, "हालात के बावजूद हवाई अड्डे पर उड़ानों का संचालन सुचारू रूप से जारी है और यात्रियों की सुरक्षा तथा सुविधा सुनिश्चित की जा रही है।"
एयरपोर्ट पर मौजूद कई पर्यटकों ने भय और निराशा व्यक्त की। गुजरात की प्रिया मेहता ने कहा, "हम कल ही पहलगाम से लौटे थे। पूरी रात नींद नहीं आई। अब बस सुरक्षित घर लौटना चाहते हैं।" दिल्ली के राजीव शर्मा ने कहा, "हम बच्चों के साथ आए थे, लेकिन अब सब डर गए हैं। यह यात्रा एक बुरे सपने में बदल गई।"
रेलवे स्टेशनों पर भी यही स्थिति देखने को मिली। श्रीनगर, बडगाम और अनंतनाग के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ जमा रही। उत्तर रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक विशेष रेलगाड़ी चलाई जा रही है, जिसमें जनरल, स्लीपर और थर्ड एसी कोच सहित कुल 20 डिब्बे होंगे।
उन्होंने कहा, "यह सेवा विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए है जो हमले के बाद जल्द से जल्द कश्मीर से निकलना चाहते हैं। हमारी प्राथमिकता सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करना है।"
रेलवे ने यात्रियों की सहायता के लिए कई हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जिनमें जम्मू तवी स्टेशन के लिए 0191-2470116 और कटरा स्टेशन के लिए 01991-234876 शामिल हैं।
इस बीच, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण लगातार चौथे दिन भी यातायात बाधित रहा। मरम्मत कार्य पूरा न होने के कारण गुरुवार को भी मार्ग पर केवल एकतरफा यातायात की अनुमति दी जाएगी।
घाटी में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पर्यटक बड़ी संख्या में घाटी से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं प्रशासन ने सभी निकासी प्रयासों को सुचारू रूप से चलाने का आश्वासन दिया है।
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