न्यायमूर्ति राहुल भारती ने एक याचिकाकर्ता को उसकी इच्छा के विरुद्ध अदालत परिसर के गलियारे से बाहर निकाले जाने के मामले की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं।
न्यायमूर्ति राहुल भारती ने एक याचिकाकर्ता को उसकी इच्छा के विरुद्ध अदालत परिसर के गलियारे से बाहर निकाले जाने के मामले की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं।
न्यायालय ने कहा कि इस घटना से सीसीटीवी निगरानी सहित उचित सुरक्षा उपायों की कमी उजागर हुई है।
न्यायमूर्ति राहुल भारती ने 11 मार्च की घटना पर चिंता व्यक्त की जिसमें याचिकाकर्ता को अदालत परिसर के गलियारे से बाहर निकाल दिया गया था।
अदालत द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, "कल की घटना उचित सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती है, जिसमें अदालत परिसर में सीसीटीवी की अपर्याप्त स्थापना भी शामिल है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक कोना सीसीटीवी निगरानी में हो।"
उच्च न्यायालय ने रजिस्ट्रार न्यायिक श्रीनगर को न्यायालय परिसर में सीसीटीवी की स्थापना का ऑडिट करने और अगली तारीख तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मामले को कल के लिए फिर से सूचीबद्ध किया गया है।
उच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ भी अपनी चिंता साझा की है और उससे कहा है कि वह जिला पुलिस के अधीनस्थ पुलिस प्रतिष्ठान को बेहतर निर्देश दे, ताकि कल इस न्यायालय परिसर में हुई चूक की पुनरावृत्ति से बचा जा सके।
न्यायमूर्ति भारती ने आदेश में कहा, "इस अदालत ने कल यानी 11 मार्च, 2025 को घटित घटनाक्रम पर अपनी गंभीर पीड़ा और चिंता दर्ज की है, जिसमें याचिकाकर्ता संख्या 1 को विशेष रूप से उसकी इच्छा के विरुद्ध इस अदालत परिसर के गलियारे से बाहर कर दिया गया, वह भी परिमपोरा पुलिस स्टेशन की जांच करने वाली पुलिस द्वारा नहीं, बल्कि एक नागरिक व्यक्ति द्वारा, जिसे याचिकाकर्ता का भाई बताया गया है।"
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