कमजोर समूहों में अल्पसंख्यक समुदायों के लोग, पीएम पैकेज के कर्मचारी, राजनेता, आतंकवाद पीड़ितों के परिवार, साथ ही बारामूला जिले में काम करने वाले जम्मू और कश्मीर के बाहर के मजदूर शामिल हैं।

असुरक्षित समूहों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, प्रधानमंत्री पैकेज के कर्मचारी, राजनेता, आतंकवाद पीड़ितों के परिवार, तथा बारामूला जिले में काम करने वाले जम्मू-कश्मीर के बाहर के मजदूर शामिल हैं।
पत्रकारों से बात करते हुए बारामूला के उपायुक्त मिंगा शेरपा ने कहा कि यह ऐप अपनी तरह का क्रांतिकारी है।
उन्होंने कहा कि यह एप्लीकेशन यह सुनिश्चित करता है कि खतरे की आशंका से ग्रस्त कमजोर समूह के किसी भी व्यक्ति द्वारा एसओएस बटन दबाने पर पुलिस डैशबोर्ड पर तुरंत अलर्ट आ जाएगा और दो मिनट के भीतर उस व्यक्ति तक मदद पहुंच जाएगी।
एसएसपी बारामुल्ला ने कहा कि अब तक 6,000 लोगों ने ऐप के लिए नामांकन कराया है और यह संख्या बढ़ने की संभावना है।
अब तक पंजीकृत लोगों में 42 ईसाई, 132 बौद्ध, 2,258 हिंदू, 2 जैन, 2,232 मुस्लिम, 609 केपी प्रवासी, 416 गैर-कश्मीरी सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारी, 19 गैर-केपी अल्पसंख्यक प्रवासी, 133 संरक्षित व्यक्ति, निजी/प्राथमिक क्षेत्र में 538 गैर-कश्मीरी कर्मचारी, 566 गैर-केपी गैर-प्रवासी सिख और 223 आतंकवाद पीड़ित परिवार शामिल हैं।

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