पहला सुरक्षा काफिला सुबह 5.45 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ, जबकि दूसरा काफिला सुबह 6.20 बजे नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुआ।
डीजीपी आरआर स्वैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी हरी झंडी दिखाकर रवाना होने वाले समारोह में मौजूद थे। 4,603 तीर्थयात्रियों में से 1,933 उत्तरी कश्मीर बालटाल मार्ग से जा रहे हैं तथा 2,670 दक्षिण कश्मीर के नुम्वान (पहलगाम) बेस कैंप जा रहे हैं। तीर्थयात्रियों में 3,631 पुरुष, 711 महिलाएं, 9 बच्चे, 237 साधु तथा 15 साध्वियां हैं।
पहला सुरक्षा काफिला सुबह 5.45 बजे बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ, जबकि दूसरा काफिला सुबह 6.20 बजे नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुआ। तीर्थयात्री या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग से या 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से तीर्थस्थल तक पहुंचते हैं।
पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग उसी दिन पूजा करने के बाद वापस लौट आते हैं। इस वर्ष 52 दिनों तक चलने वाली तीर्थयात्रा 19 अगस्त को रक्षा बंधन और श्रावण पूर्णिमा त्योहारों के साथ समाप्त होगी।
यात्रा को सुचारू और दुर्घटना-मुक्त बनाने के लिए तीर्थयात्रा मार्गों, दोनों आधार शिविरों और मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।
0 टिप्पणियाँ