
रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा ने आज शाम एक संवाददाता सम्मेलन में इस गिरफ्तारी को एक ‘‘बड़ी उपलब्धि’’ बताते हुए कहा कि गिरफ्तार सहयोगी ने पहले भी कई मौकों पर आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और अन्य रसद उपलब्ध कराकर उनकी मदद की थी।
उन्होंने कहा, "9 जून को शिव खोरी से कटरा जा रहे तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकवादियों द्वारा किए गए जघन्य हमले से संबंधित मामले में हमने एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस हमले में आतंकवादियों के मुख्य सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है। उसकी पहचान राजौरी जिले के बंदराही निवासी 45 वर्षीय हकम दीन पुत्र माखन के रूप में हुई है। उसे रियासी जिले की पुलिस ने गिरफ्तार किया है।"
एसएसपी ने कहा, "हकम दीन ने कई मौकों पर आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और अन्य रसद प्रदान करके उनकी मदद की थी। उसने आतंकवादियों को अपने निवास के रूप में शरण दी थी। इसके अलावा, उसने एक गाइड के रूप में काम किया और उन्हें हमले की जगह पर ले गया। आतंकवादियों के इस सहयोगी ने उन्हें (आतंकवादियों को) इस जघन्य कृत्य (तीर्थयात्रियों की बस पर हमला) को अंजाम देने में मदद करने में प्राथमिक भूमिका निभाई। मामले में आगे की पूछताछ और जांच जारी है।"
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार सहयोगी के खुलासे के अनुसार, तीन आतंकवादी थे, जो उसके घर में रुके थे।
इस मामले के संबंध में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की संख्या से संबंधित प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि प्राप्त सूचनाओं और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अब तक जिले में लगभग 150 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने एक संबंधित प्रश्न के उत्तर में कहा, "हालांकि, अभी तक किसी महिला को गिरफ्तार नहीं किया गया है।"
क्या शिवखोड़ी तीर्थयात्रियों पर हमले के बारे में पुलिस के पास कोई खास इनपुट था? इस सवाल पर एसएसपी रियासी ने कहा, "देखिए, हमारे पास इस बारे में कोई खास इनपुट नहीं था। जम्मू-कश्मीर में इस समय कई तीर्थयात्राएं चल रही हैं। कुछ तीर्थयात्राएं ऐसी होती हैं जो एक खास अवधि के लिए की जाती हैं। जहां तक शिवखोड़ी यात्रा का सवाल है, यह पूरे साल चलती है। हम आमतौर पर यात्रा के दौरान अलर्ट रहते हैं। आम तौर पर अलर्ट रहता था। उस दिन नई (केंद्र) सरकार का शपथ ग्रहण समारोह था और साथ ही भारत-पाकिस्तान मैच भी खेला जा रहा था, इसलिए हम अलर्ट थे, लेकिन पुलिस के पास इस (हमले) बारे में कोई खास इनपुट नहीं था।"
एसएसपी मोहिता ने कहा, ‘‘जहां तक उन आतंकवादियों का सवाल है, हम अभी भी पूछताछ और जांच कर रहे हैं।’’
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि हमले में शामिल सभी आतंकवादी पाकिस्तानी थे।
एसएसपी ने आतंकी हमले और उसमें हाकम दीन की भूमिका का संक्षिप्त घटनाक्रम बताते हुए कहा, 'शुरुआती पूछताछ के अनुसार, उसने (सहयोगी) बताया कि आतंकवादी उसके घर तीन बार आए और उसने सभी मौकों पर उन्हें भोजन और आश्रय मुहैया कराया। यहां तक कि जगह की रेकी के दौरान भी यह सुनिश्चित किया गया कि वे कहीं भी सीसीटीवी में कैद न हों। हमले से ठीक एक दिन पहले, वे उसके घर पर थे और कई बार वहां खाना खाया। फिर उसने उन्हें घने जंगल के रास्ते घटनास्थल पर छोड़ दिया। वह 6000 रुपये में उनके लिए गाइड का काम करता था। उसके खुलासे के अनुसार, वह (सहयोगी) घटना के समय वहीं था और इसके बाद, वह उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गया।'
एसएसपी ने बताया कि चूंकि घटनास्थल काफी दूर था, इसलिए वहां पहुंचने में उन्हें डेढ़ घंटा लग गया, हालांकि स्थानीय पुलिस तुरंत वहां पहुंच गई और बचाव अभियान शुरू किया।
हालांकि, उन्होंने मामले में आगे की जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा कि इससे आगे की जांच प्रभावित होगी, जो तब तक जारी रहेगी जब तक वे (आतंकवादी) पकड़े नहीं जाते या मारे नहीं जाते।
इस आतंकवादी हमले में सात तीर्थयात्रियों सहित नौ लोग मारे गए तथा 42 अन्य घायल हो गए।
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