SIU ने आतंकवादियों को आश्रय देने के आरोप में चार घर कुर्क किए

SIU ने बरथाना कमरवारी श्रीनगर में तीन और संगम अनंतनाग में एक घर कुर्क किया


श्रीनगर 27 फरवरी: पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसकी राज्य जांच इकाई ने मध्य कश्मीर के श्रीनगर जिले में जानबूझकर टीआरएफ/एलईटी को शरण देने के लिए चार घरों को कुर्क किया है।

न्यूज़ एजेंसियों के अनुसार पुलिस ने कहा कि उसकी विशेष जांच इकाई (एसआईयू) श्रीनगर ने आतंकवादियों को आश्रय प्रदान करने के लिए आज 04 आवासीय मकान, 3 बर्थाना कमरवारी में तथा 1 संगम ईदगाह श्रीनगर में कुर्क किया।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, उक्त आदेश 2(जी)(ii) यूए(पी) अधिनियम के साथ कथीत धारा 25 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए थे। संपत्तियों की कुर्की की सूचना नामित प्राधिकारी को सौंपी गई थी।

रिहायशी मकान मोहम्मद यूनुस नाथ की पत्नी तथा मोहम्मद शाहीना/आसिफ नाथ के पुत्र, मोहम्मद अब्दुल्ला के पुत्र अल्ताफ अहमद डार, बरथेना कमरवारी निवासी मोहम्मद सुल्तान के पुत्र मुदासिर अहमद मीर तथा संगम ईदगाह निवासी अब्दुल सलाम भट के पुत्र अब्दुल रहमान भट के हैं।

उन्होंने कहा कि मौके पर पहुंची टीम ने संबंधितों को निर्देश दिया कि बिना निर्दिष्ट प्राधिकरण की पूर्व अनुमति के कुर्क की गई संपत्तियों में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।

गौरतलब है कि परिमपोरा पुलिस स्टेशन ने 28 05 2022 को एक विश्वसनीय सूचना प्राप्त की थी और प्राथमिकी संख्या 127/2022 यू/एस 153ए 153 बी 505 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया था तथा इसकी निरंतर जांच में, एक मॉड्यूल छुपाने तथा रसद प्रदान करने में शामिल पाया गया था।जिसके परिणामस्वरूप शामिल व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई। साथ ही जांच के दौरान यह पाया गया कि उग्रवादियों को उक्त आवासीय मकानों में पनाह दी गई थी। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यू/एस 24/25 यूए(पी) अधिनियम की कार्यवाही शुरू की गई। बाद में आवासों की कुर्की के लिए उचित स्वीकृति प्राप्त हुई।

इसके अलावा, मामले की चार्जशीट 02 दिसंबर 2022 को TRF/LeT के सक्रिय उग्रवादियों सहित 13 अभियुक्तों के खिलाफ माननीय न्यायालय के समक्ष 7/25 AAct और 13 16 18 19 20 38 और 39 UA(P) अधिनियम के तहत प्रस्तुत की गई थी। उन्होंने कहा कि उक्त मामले की जांच अभी भी धारा 173(8) के तहत चल रही है।

उन्होंने कहा कि नागरिकों से एक बार फिर अनुरोध किया जाता है कि वे उग्रवादियों को आश्रय या रसद मुहैया न कराएं, ऐसा न करने पर कानून अपना काम करेगा।

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