तीसरी कक्षा के छात्र उस्मान ने मीडिया को बताया कि पहले दौर में अपने गुजराती समकक्ष के खिलाफ खेला और उसे हराने के बाद, मैं दूसरे दौर में आगे बढ़ा। दूसरे दौर में वह अपने महाराष्ट्र प्रतिद्वंद्वी को हराकर उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
उन्होंने कहा,कि मैं ओलंपियन मार्शल आर्ट्स अकादमी हंदवाड़ा में नियमित कोचिंग ले रहा हूं, अपने कोच की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे कोच फैसल नजीर मुझे मार्शल आर्ट का कौशल सिखा रहे हैं। जिनकी वजह से आज यहाँ तक पहुचा हूँ तथा मैं अपने माता-पिता का शुक्रगुजार हूँ, जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उस्मान अपने देश का प्रतिनिधित्व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि पहली कक्षा पास करने के बाद से मार्शल आर्ट सीखने की उनकी ललक रही है। उस्मान के पिता मोहम्मद अशरफ ने कहा कि उनका बेटा अब इस कला को सीखने के लिए अपने इलाके के अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा बन गया है. "मैं चाहता हूं कि वह ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करे और स्वर्ण पदक जीते,"।
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