लेफ्टिनेंट जनरल 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पूर्व सैनिकों को संबोधित कर रहे थे
यहाँ आयोजित मेगा पूर्व सैनिक रैली के मौके पर मीडिया से बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने कहा, "1965 के युद्ध से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, नई तकनीकें आई हैं, जबकि भारतीय सेना का साहस नहीं बदला है... पाकिस्तान ने हाल ही में खूब ड्रोन का इस्तेमाल किया, लेकिन कोई भी हमला सफल नहीं हुआ, यहाँ तक कि जब उन्होंने जम्मू और पठानकोट हवाई अड्डे पर हमला करने की कोशिश की। उनके सभी हमलों को हमारी एंटी-एयर गन ने नाकाम कर दिया।"
उन्होंने कहा, ‘‘अगर पाकिस्तान ने दोबारा हमला करने की कोशिश की तो उन्हें ऑपरेशन सिंदूर से भी बड़ा जवाब मिलेगा।’’
शीर्ष सेना अधिकारी ने कहा कि जब तक पाकिस्तान की मानसिकता नहीं बदलेगी, वह हमले करता रहेगा और चेतावनी दी कि "ऑपरेशन सिंदूर 2.0" हो सकता है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी एयरबेस और चौकियों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया, लेकिन भारत भविष्य के हमलों के लिए तैयार है और पिछली बार की तुलना में और भी अधिक ताकत से जवाब देगा।
पश्चिमी कमान प्रमुख ने चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद में संलिप्तता जारी रखता है तो भविष्य में किया जाने वाला जवाबी अभियान, जिसे "ऑपरेशन सिंदूर 2.0" कहा जाएगा, "अधिक घातक" होगा।
ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था और इसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर लक्षित हमले शामिल थे।
लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान को अपनी “सोचने का तरीका” बदलना होगा, अन्यथा वह वही करता रहेगा जो वह अब तक करता आ रहा है, हालांकि भारतीय सेना उसके “नापाक इरादों” को विफल करने के लिए मजबूती से जवाब देने के लिए तैयार है।
लेफ्टिनेंट जनरल 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पूर्व सैनिकों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रशासन, पूर्व सैनिकों और स्थानीय लोगों के सहयोग से ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा।
यह उल्लेख करना आवश्यक है कि सेना जम्मू-कश्मीर में 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा (एलओसी) की सुरक्षा करती है।
केंद्र शासित प्रदेश में 240 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा की जाती है।
 
 
 
 
 
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