अमरनाथ यात्रा मार्ग 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित

"SANJY 2025 के लिए काफिला मार्गों पर हाई-टेक निगरानी और 360 डिग्री कैमरों सहित कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।"


श्रीनगर, 18 जून : आगामी श्री अमरनाथजी यात्रा (SANJY) 2025 के सफल और सुरक्षित संचालन के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा और लॉजिस्टिक तैयारियों की घोषणा की है। यात्रा मार्गों को 1 जुलाई से 10 अगस्त तक 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित किया गया है, जिसके तहत ड्रोन, यूएवी, गुब्बारे और किसी भी प्रकार के विमानन उपकरणों की उड़ान पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यह आदेश उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देश पर गृह विभाग द्वारा जारी किया गया है।

हालांकि, चिकित्सा आपातकाल, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा बलों की निगरानी से जुड़े मामलों में यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा, जिनके लिए अलग से एसओपी जारी किया जाएगा। पारंपरिक पहलगाम मार्ग और बालटाल मार्ग दोनों इस प्रतिबंध के दायरे में रहेंगे।

यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन ने विशेष कदम उठाए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के तहत केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) की 580 कंपनियां तैनात की जा रही हैं, जबकि त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) को ऊंची इमारतों पर सतर्क निगरानी के लिए तैनात किया गया है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी नियंत्रण बढ़ा दिया गया है, जहां हाई-डेफिनिशन CCTV कैमरे और सिग्नल जैमर लगाए जा रहे हैं।

रामबन सहित कई प्रमुख स्थानों पर विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं जो यातायात प्रबंधन और आपातकालीन स्थितियों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देंगे। भगवती नगर आधार शिविर समेत जम्मू के सभी प्रमुख शिविरों में तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है, जहां 360 डिग्री क्षमता वाले CCTV कैमरे, बॉडी स्कैनर और मेटल डिटेक्टर चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं।

जम्मू के डिप्टी कमिश्नर सचिन कुमार ने जानकारी दी कि भगवती नगर शिविर और रेलवे स्टेशन पर तीर्थयात्रियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं — बेहतर आवास, चिकित्सा सहायता, स्वच्छता, पेयजल और सुरक्षा — पूरी तरह से तैयार की जा चुकी हैं।

उल्लेखनीय है कि यह तीर्थयात्रा अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और मई में भारत-पाकिस्तान के बीच सशस्त्र झड़प के बाद क्षेत्र में पहली बड़ी धार्मिक गतिविधि होगी। श्रद्धालु इस दौरान पारंपरिक नुनवान-पहलगाम (48 किमी) और छोटा लेकिन चुनौतीपूर्ण बालटाल (14 किमी) मार्गों से 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा तक पहुंचेंगे।

इस बीच, सुरक्षा बलों ने यात्रा के दौरान किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए 'ऑपरेशन शिव' शुरू किया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस और लगभग 50,000 अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। ये बल प्रतिदिन सड़क मार्ग को खोलने के अभियानों के तहत IEDs और अन्य विस्फोटकों का पता लगाकर उन्हें निष्क्रिय करने का कार्य करेंगे।

सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आधार शिविरों और मार्गों पर चिकित्सा दल, साफ-सफाई, आश्रय और पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था हो। स्वयंसेवक और नागरिक संगठन यात्रियों की सहायता के लिए प्रमुख स्थलों पर तैनात रहेंगे।

अमरनाथ यात्रा 2025 की इन सुरक्षा तैयारियों को विशेषज्ञों और प्रशासनिक अधिकारियों ने अब तक की सबसे व्यापक और तकनीकी रूप से उन्नत व्यवस्था बताया है, जिससे श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित, सुगम और शांतिपूर्ण तीर्थ अनुभव मिलने की उम्मीद है।


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