एक बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था सक्रिय की गई है, जिसमें अतिरिक्त 10+ एसपी, 15 डीवाईएसपी और सैकड़ों सुरक्षाकर्मी तैनात हैं ताकि तीर्थयात्रा सुरक्षित और सुचारू रहे।
3 जुलाई से शुरू होने वाली श्री अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए दक्षिण कश्मीर के पवित्र गुफा मंदिर की ओर जाने वाले दोनों मार्ग – अनंतनाग जिले का पहलगाम और गंदेरबल जिले का बालटाल – अब कड़ी सुरक्षा घेरे में हैं। पूरे पहलगाम मार्ग को 17 क्षेत्रों और 51 सेक्टरों में विभाजित किया गया है, जहां प्रत्येक क्षेत्र की निगरानी नामित अधिकारियों द्वारा की जा रही है।
प्रशासन ने बताया कि एक बहुस्तरीय सुरक्षा ग्रिड सक्रिय कर दिया गया है, जिसमें जिला बलों के अलावा अतिरिक्त 10 से अधिक एसपी, 15 डीवाईएसपी, और सैकड़ों अर्धसैनिक व पुलिस बल तैनात किए गए हैं। इन क्षेत्रों में त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT), तोड़फोड़ रोधी टीमें, पर्वत बचाव दल और यातायात नियंत्रण कर्मी भी रणनीतिक रूप से तैनात रहेंगे।
आईजीपी कश्मीर वीके बिरदी ने कहा, “यात्रा मार्ग पर सभी सुरक्षा प्रबंध पूरे हो चुके हैं और बुधवार को एक मॉक अभ्यास निर्धारित किया गया है।” उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां हर प्रकार की स्थिति से निपटने को तैयार हैं।
इस बीच, आतंकवाद विरोधी अभियानों में तेजी लाई गई है और पूरे अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों द्वारा प्रतिदिन 20 से अधिक घेराबंदी और तलाशी अभियान (CASO) चलाए जा रहे हैं। इन अभियानों में जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ संयुक्त रूप से शामिल हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हर इंच पर निगरानी रखी जा रही है। हमारी रणनीति शून्य सहिष्णुता की है—कोई भी खतरा पहले ही निष्क्रिय किया जा रहा है।”
बुधवार को होने वाला मॉक ड्रिल प्राकृतिक आपदाओं, आतंकवादी हमलों और स्वास्थ्य आपात स्थितियों जैसे परिदृश्यों का अभ्यास करेगा। इसमें आपातकालीन सेवाएं, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चिकित्सा दल और यातायात पुलिस सम्मिलित रहेंगे ताकि सभी एजेंसियों में तालमेल सुनिश्चित हो।
तकनीकी निगरानी को भी मजबूत किया गया है, जिसमें एचडी सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन निगरानी और सैटेलाइट ट्रैकिंग शामिल हैं। ड्रोन-आधारित टोही और एआई-सक्षम चेहरे की पहचान प्रणाली भी संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई है।
नागरिक प्रशासन को यात्रा मार्ग के हर पड़ाव पर जल, बिजली, स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा गया है। बेस कैंप और लंगर स्थलों को स्वच्छ करके सुरक्षा मंजूरी के साथ तैयार किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय पूरे घटनाक्रम पर करीबी निगरानी बनाए हुए है। बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी को ऊंचाई वाले और जंगल क्षेत्रों में तैनात किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अमरनाथ यात्रा की सफलता हमारे देश की एकता और लचीलेपन का प्रतीक है।”
यात्रियों से पूर्व पंजीकरण, वैध पहचान पत्र रखने और आधिकारिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है। अस्थिर मौसम को देखते हुए तीर्थयात्रियों को बिना अनुमति मार्ग पर निकलने से बचने और केवल अधिकृत आश्रयों में ही ठहरने की सलाह दी गई है।
प्रशासनिक समन्वय, तकनीकी एकीकरण और ज़मीनी सुरक्षा उपायों की इस व्यापक व्यवस्था से यह स्पष्ट है कि इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा को हर स्तर पर सुरक्षित, सुचारू और सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए जा रहे हैं।
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