उत्तर कश्मीर के यात्रियों ने वंदे भारत एक्सप्रेस से जुड़ने के लिए सुबह की बारामूला ट्रेन के समय में परिवर्तन करने का आग्रह किया

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ किया, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी।


श्रीनगर, 19 जून : उत्तर कश्मीर के विभिन्न जिलों से आए यात्रियों ने बुधवार को बारामूला रेलवे स्टेशन से सुबह चलने वाली पहली ट्रेन के समय को लेकर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह हाल ही में शुरू हुई वंदे भारत एक्सप्रेस के समय से मेल नहीं खाता, जिससे उन्हें श्रीनगर से कटरा तक तेज़गति सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में शुरू की गई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन श्रीनगर से कटरा के बीच संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना है। यह ट्रेन श्रीनगर (नौगाम) से प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे रवाना होती है।

हालांकि, बारामूला से सुबह 7:00 बजे चलने वाली पहली ट्रेन, जो आधिकारिक रूप से एक घंटे में नौगाम पहुंचनी चाहिए, वास्तविकता में 8:20 बजे स्टेशन पहुंचती है। इस 20 मिनट की देरी के चलते यात्री वंदे भारत ट्रेन मिस कर देते हैं और उन्हें सड़क मार्ग से नौगाम पहुंचने के लिए बाध्य होना पड़ता है।

सोपोर के एक यात्री फहीम अहमद ने बताया, "हमें कई वाहन बदलने पड़ते हैं और यह प्रक्रिया सुबह के समय काफी थकाऊ और समय लेने वाली हो जाती है।" यात्रियों ने रेलवे अधिकारियों से आग्रह किया है कि बारामूला से पहली ट्रेन का समय कम से कम 30 मिनट पहले कर दिया जाए ताकि नौगाम स्टेशन पर वंदे भारत के प्रस्थान से पहले समय पर पहुंचा जा सके।

उनका मानना है कि इस छोटे से समायोजन से वंदे भारत सेवा उत्तर कश्मीर की बड़ी आबादी के लिए भी सुलभ बन सकेगी।

बारामूला निवासी फैसल भट ने पटरियों की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर पटरियों में दरारें हैं, जिससे ट्रेन की गति 60 किमी प्रति घंटा से अधिक नहीं हो पाती। इसके कारण बारामूला-बडगाम और बडगाम-सांगलदान के बीच ट्रेनों के समय तालमेल में भी समस्या आती है।

इसके अलावा, यात्रियों ने संगलदान से बारामूला की ओर आने-जाने वाली ट्रेनों की आवृत्ति विशेषकर शाम के समय बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बनिहाल/सांगलदान से शाम करीब 4:45 बजे श्रीनगर पहुंचने वाली ट्रेन और शाम 7 बजे की आखिरी ट्रेन के बीच दो घंटे का अंतराल यात्रियों के लिए असुविधाजनक है।

"रात 8:30 बजे बारामूला पहुंचने वाली आखिरी ट्रेन के बाद यात्रियों के लिए अपने घर पहुंचना कठिन हो जाता है। एक अतिरिक्त ट्रेन की आवश्यकता है," फैसल भट ने कहा।

यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से इन सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है ताकि आम जनता को बेहतर और सुविधाजनक रेल सेवा उपलब्ध कराई जा सके।

संपर्क किए जाने पर उत्तर रेलवे के मुख्य क्षेत्र प्रबंधक (सीएएम) साकिब यूसुफ ने  बताया, "मैं समय अंतराल और पटरियों की स्थिति से अवगत हूं। इन मुद्दों पर विचार किया जाएगा। ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ाने की मांग को भी ध्यान में रखा जाएगा।"


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