पुलिस अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा के लिए रात्रि दृष्टि गैजेट का उपयोग सेना, सीआरपीएफ और एसओजी मिलकर करेंगे।

सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, भद्रवाह घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है, जहां आतंकवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जा रहे हैं। पिछले महीने कठुआ जिले में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
एक साल से कठुआ, पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के लिए डोडा, उधमपुर और किश्तवाड़ जिलों के ऊपरी इलाकों के जरिए कश्मीर तक घुसपैठ का प्रमुख मार्ग बन चुका है। अधिकारियों ने बताया कि कठुआ में हाल ही में हुई मुठभेड़ों के बाद, भद्रवाह घाटी के ऊंचे इलाकों में निगरानी को और कड़ा कर दिया गया है।
सुरक्षा बलों द्वारा जारी अभियानों में विशेष रूप से सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बल मिलकर आतंकवादियों का पीछा कर रहे हैं। 27 मार्च को हुई मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी और दो आतंकवादी मारे गए थे।
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, अत्यंत कठिन परिस्थितियों के बावजूद, भद्रवाह स्थित सेना की राष्ट्रीय राइफल्स इकाई ने 15,500 फुट ऊंचे कैलाश कुंड पर्वत और अन्य उच्च स्थानों पर निगरानी बढ़ा दी है। इसके अलावा, चत्तरगल्ला पास पर उच्च सुरक्षा संयुक्त चौकी स्थापित की जा रही है।
उच्च स्तरीय रात्रि दृष्टि गैजेट का उपयोग भी किया जा रहा है, जो सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह द्वारा संयुक्त रूप से ऑपरेट किया जाएगा।
0 टिप्पणियाँ