चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सभी 20 मतगणना केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जहां मंगलवार को वोटों की गिनती होगी।
जम्मू-कश्मीर में 2014 के बाद से पहला विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुआ, जिसमें 18 सितंबर को पहले चरण में 24 सीटों पर मतदान हुआ। दूसरे चरण का मतदान 18 सितंबर को हुआ, जिसमें 26 सीटों पर मतदान हुआ जबकि शेष 40 सीटों के लिए मतदान 1 अक्टूबर को हुआ।
अधिकारी ने कहा, "केवल चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के अधिकृत मतगणना एजेंटों तथा मतगणना ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को ही मतगणना हॉल के अंदर जाने की अनुमति होगी।"
उन्होंने कहा कि प्रत्येक चरण की मतगणना के बाद मतगणना हॉल के बाहर सार्वजनिक संबोधन प्रणाली पर प्रत्येक उम्मीदवार को मिले मतों की घोषणा की जाएगी।
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार हुए चुनावों में 63.45 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2014 के विधानसभा चुनावों में दर्ज 65.52 प्रतिशत से कम है।
90 सदस्यीय सदन में सीट के लिए चुनाव लड़ रहे 873 उम्मीदवारों का भाग्य तय हो चुका है तथा इसका खुलासा मंगलवार शाम तक हो जाएगा।
चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रमुख उम्मीदवारों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला शामिल हैं, जो बडगाम और गंदेरबल सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन जो हंदवाड़ा और कुपवाड़ा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा जो बटमालू सीट से उम्मीदवार हैं, तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना, जो नौशेरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
अन्य उल्लेखनीय उम्मीदवारों में एआईसीसी महासचिव गुलाम अहमद मीर (डूरू), पीडीपी नेता वहीद पारा (पुलवामा), इल्तिजा मुफ्ती (बिजबेहरा), अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी (चनापोरा), सीपीआई (एम) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी (कुलगाम) और पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग तथा तारा चंद शामिल हैं।
शनिवार को आए एग्जिट पोल में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को बढ़त हासिल होती दिखाई गई है और क्षेत्रीय पार्टी को सीटों का बड़ा हिस्सा मिलता दिख रहा है।
भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनावों में जीती गई 25 सीटों की संख्या में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है, जबकि पीडीपी, जिसने 10 साल पहले हुए चुनावों में 28 सीटें जीती थीं, उसको इस बार 10 से भी कम सीटें मिलने का अनुमान है।
पोलस्टर्स ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अपनी पार्टी, गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी और लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी जैसी नई तथा उभरती पार्टियों को ज्यादा मौका नहीं दिया है। इन पार्टियों तथा निर्दलीयों के करीब 10 सीटें जीतने की उम्मीद है।
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