कैडल : हया जीशान कविता संग्रह


श्रीनगर 12 अगस्त : इंटरनेशनल इस्लामिक स्कूल हुमहामा की कक्षा 10 की छात्रा हया जीशान ने अपने कविता संग्रह "कैडल" से एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। घाटी के प्रमुख गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट डॉ. जीशान अहमद वानी की बेटी हया जीशान ने बताया कि उनकी पुस्तक "कैडल" आशावाद और सकारात्मकता के विषयों पर केंद्रित है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कविता भीतर से आती है और यह केवल शब्दों को व्यवस्थित करने के बारे में नहीं है, बल्कि दिल की भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने के बारे में है। उन्होंने एक लेखक के रूप में अपनी यात्रा में अपने माता-पिता, परिवार, शिक्षकों और दोस्तों के समर्थन को भी स्वीकार किया।

उनकी उम्र और उनके काम की गहराई को देखते हुए उनकी उपलब्धि विशेष रूप से प्रभावशाली है। हया जैसे युवा लेखकों को अपने दृष्टिकोण और रचनात्मक अभिव्यक्तियों को दुनिया के साथ साझा करते देखना प्रेरणादायक है।

प्रधान सचिव संस्कृति, सुरेश कुमार गुप्ता ने रविवार को यहां टैगोर हॉल में एक प्रभावशाली सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान "कैडल" पुस्तक का विमोचन किया।

इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के पुस्तकालय एवं अनुसंधान निदेशक मोहम्मद रफी, संस्कृति विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

सुरेश कुमार गुप्ता ने हया जीशान के काम की प्रशंसा की और कहा कि "कैडल" सिर्फ़ कविताओं का संग्रह नहीं है। उन्होंने इसे रचनात्मकता, नवाचार तथा कविता की परिवर्तनकारी शक्ति का उत्सव बताया। उनके अनुसार, यह पुस्तक न केवल हया की प्रतिभा को दर्शाती है, बल्कि अन्य युवा लेखकों को अपनी साहित्यिक महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा भी देती है। उनकी टिप्पणियाँ साहित्यिक क्षेत्र में हया के पदार्पण के महत्वपूर्ण प्रभाव तथा संभावनाओं को रेखांकित करती हैं।

हया जीशान के साहित्यिक पदार्पण का जश्न मनाने के लिए कलाकारों, लेखकों, कवियों, सांस्कृतिक उत्साही और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों सहित विविध और उत्साही दर्शक एकत्र हुए। उनकी पहली पहल के लिए तालियाँ उनके काम के व्यापक प्रभाव और प्रशंसा को रेखांकित करती हैं। ऐसे विविध समूह से मिले मजबूत समर्थन ने उनके कविता संग्रह, "कैडल" के महत्व और उनके साहित्यिक करियर की आशाजनक शुरुआत को उजागर किया। हया जीशान ने कविता के प्रति अपने गहरे आकर्षण को व्यक्त करते हुए बताया कि अपनी पुस्तक "कैडल" के माध्यम से उनका उद्देश्य यह संदेश देना है कि जीवन में लोगों को खोना ठीक है। उनका मानना ​​है कि ऐसे अनुभव हमें यह समझने में मदद करते हैं कि हमारे जीवन में वास्तव में कौन है। पाठकों के लिए उनका इरादा इन अनुभवों से आने वाली भावनात्मक यात्रा और व्यक्तिगत विकास को पहचानना और उसकी सराहना करना है।

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