दुनिया नई योग अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ता देख रही है : 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर श्रीनगर में पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में योगाभ्यास किया।


श्रीनगर, 21 जून : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश के सभी लोगों और दुनिया के कोने-कोने में योग करने वालों को बधाई दी और कहा कि दुनिया पिछले 10 वर्षों से एक नई योग अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ते हुए देख रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में योगाभ्यास किया।

श्रीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के भारत के प्रस्ताव को 177 देशों ने समर्थन दिया। उन्होंने कहा, "आज कश्मीर की धरती से मैं दुनिया भर के सभी लोगों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देता हूं। दस साल पहले मैंने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। भारत के प्रस्ताव को 177 देशों ने समर्थन दिया, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। 2015 में दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 35,000 लोगों ने एक साथ योगासन किए थे।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुझे योग और ध्यान की धरती कश्मीर आने का सौभाग्य मिला है। श्रीनगर में हम योग से मिलने वाली शक्ति को महसूस कर रहे हैं। मैं कश्मीर की धरती से देश के सभी लोगों और दुनिया के हर कोने में योग करने वालों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देता हूं।"

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में योग के विस्तार ने योग से जुड़ी धारणा को बदल दिया है और कहा कि दुनिया एक नई योग अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ते हुए देख रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में योग के विस्तार ने योग से जुड़ी धारणा को बदल दिया है। आज दुनिया एक नई योग अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ते हुए देख रही है। ऋषिकेश और काशी से लेकर केरल तक, हम भारत में योग पर्यटन के एक नए चलन को उभरते हुए देख सकते हैं। प्रामाणिक योग सीखने के लिए दुनिया भर से लोग भारत आ रहे हैं। इसके अनुसार, आतिथ्य, पर्यटन, परिधान आदि से जुड़े क्षेत्र लोगों की भारी आमद से फल-फूल रहे हैं। इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।"

प्रधानमंत्री ने फ्रांस की 101 वर्षीय महिला योग शिक्षिका चार्लोट चोपिन को भी याद किया, जिन्हें इस वर्ष पद्मश्री से सम्मानित किया गया था और कहा कि दुनिया भर में योग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

उन्होंने कहा, "इस साल भारत में फ्रांस की 101 वर्षीय महिला योग प्रशिक्षक को पद्म श्री से सम्मानित किया गया। भारत का दौरा न करने के बावजूद, उन्होंने अपना पूरा जीवन योग के बारे में जागरूकता फैलाने में समर्पित कर दिया। वर्तमान में, दुनिया भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय और संस्थान योग पर शोध कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप शोध पत्र प्रकाशित हो रहे हैं।"

राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार 2024 के दौरान, 100 वर्षीय योग साधक फ्रांसीसी नागरिक चार्लोट चोपिन को भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।

दुनिया भर में योग की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में आयुष विभाग ने योग करने वालों के लिए योग प्रमाणन बोर्ड का भी गठन किया है।

उन्होंने कहा, "पिछले साल मुझे अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता करने का अवसर मिला था। इस कार्यक्रम में 130 से अधिक देशों के लोगों ने भाग लिया था। योग की यात्रा जारी है। भारत में आयुष विभाग ने योग करने वालों के लिए योग प्रमाणन बोर्ड का गठन किया है। इस बोर्ड से भारत के 100 से अधिक प्रमुख संस्थानों और विदेश के 10 संस्थानों को प्रमाणन दिया गया है।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "2015 में मैंने तुर्कमेनिस्तान में एक योग केंद्र का उद्घाटन किया था। आज वहां योग गतिविधियां खूब फल-फूल रही हैं। तुर्कमेनिस्तान के स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में योग थेरेपी को एक विषय के रूप में शामिल किया गया है।"

उन्होंने आगे कहा कि पूरे जम्मू-कश्मीर में योग के प्रति जो आकर्षण पैदा हुआ है, जिस उत्साह और जोश के साथ लोग योग से जुड़ने के लिए उत्सुक हैं, वह जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को एक नई गति देने का अवसर बन गया है।

इस वर्ष का विषय, "स्वयं और समाज के लिए योग", व्यक्तिगत कल्याण और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है।

वर्ष 2015 से प्रधानमंत्री ने विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) समारोहों का नेतृत्व किया है, जिनमें दिल्ली में कर्तव्य पथ, चंडीगढ़, देहरादून, रांची, लखनऊ, मैसूर और यहां तक ​​कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय भी शामिल हैं।

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