साइबर युद्ध में चीन, पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना नई इकाइयां बढ़ा रही है

डिफेंस साइबर एजेंसी इन मुद्दों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के स्तर पर काम कर रही है।


नई दिल्ली, 27 अप्रैल: भारत को निशाना बनाने के लिए चीन तथा पाकिस्तान के विरोधी देशों की ऑनलाइन डोमेन में बढ़ती गतिविधियों के बीच, भारतीय सेना ने अपनी साइबर युद्ध पहल के तहत इन खतरों तथा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए नई विशेषज्ञ इकाइयों का संचालन किया है।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की अध्यक्षता में इस महीने के तीसरे सप्ताह में आयोजित सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान यह निर्णय लिया गया।

सरकारी सूत्रों ने यहां कहा की, "संचार नेटवर्क की सुरक्षा तथा इस विशिष्ट डोमेन में तैयारियों के स्तर को बढ़ाने के लिए, भारतीय सेना में कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स (CCOSW) को खड़ा किया जा रहा है।"

उन्होंने कहा कि ग्रे जोन युद्ध के साथ-साथ पारंपरिक अभियानों में साइबरस्पेस सैन्य डोमेन के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभरा है।

ऐसी विशेषज्ञ इकाइयों के महत्व तथा आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, सूत्रों ने कहा कि हमारे विरोधियों द्वारा साइबर युद्ध क्षमताओं के विस्तार ने साइबर डोमेन को पहले से कहीं अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया है।

उन्होंने कहा, "भारतीय सेना आज नेट केंद्रितता की ओर तेजी से बढ़ रही है, जो सभी स्तरों पर आधुनिक संचार प्रणालियों पर बढ़ती निर्भरता पर जोर देती है।"

इन नई इकाइयों की भूमिका को निर्दिष्ट करते हुए, सूत्रों ने कहा "ये संगठन भारतीय सेना की साइबर सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए अनिवार्य साइबर सुरक्षा कार्य करने के लिए संरचनाओं की सहायता करेंगे।"

पिछले कुछ वर्षों में, सेना ने वर्चुअल हनी ट्रैपिंग तथा हैकिंग के रूप में विरोधियों की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

डिफेंस साइबर एजेंसी इन मुद्दों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के स्तर पर काम कर रही है।

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