एसीसी 17 से 21 अप्रैल तक आयोजित की जा रही है, जो पहली बार हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित की जाएगी। सेना कमांडरों का सम्मेलन वर्ष में दो बार आयोजित किया जाता है। पहले दिन बैठक में सेना के कमांडर तथा वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअली हिस्सा ले रहे हैं।
हालांकि, जिन मामलों पर विस्तृत विचार-विमर्श की आवश्यकता है, उन पर भौतिक बैठकें दिल्ली में आयोजित की जाएंगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 19 अप्रैल को सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
इस दौरान रक्षा मंत्री सेना में तकनीक के इस्तेमाल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ट्रेनिंग, रोबोटिक्स, इनोवेशन, सर्विलांस के लिए सॉल्यूशंस, वर्चुअल रियलिटी, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स आदि पर फोकस करने वाले इक्विपमेंट डिस्प्ले की भी समीक्षा करेंगे।
अग्निवीर योजना की प्रगति, लड़ाकू इंजीनियरों से संबंधित कार्य, सेना में डिजिटलीकरण के पहलुओं तथा बजट प्रबंधन की भी समीक्षा की जाएगी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह सम्मेलन चर्चा का एक संस्थागत मंच है। यहां विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा भारतीय सेना के लिए नीतिगत फैसले लेने में मददगार साबित होती है। सम्मेलन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, चीफ ऑफ नेवल स्टाफ तथा चीफ ऑफ द एयर स्टाफ भी शामिल होंगे तथा वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करेंगे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सेना का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा तथा उभरते सुरक्षा परिदृश्य पर भी मंथन करेगा और सेना की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा करेगा।
जानकारी के अनुसार, सम्मेलन के पहले दिन, विभिन्न कमांड मुख्यालयों द्वारा प्रायोजित एजेंडे बिंदुओं पर वर्चुअल चर्चा की जाएगी, इसके बाद अंडमान और निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ से अपडेट तथा प्रधान कर्मचारी अधिकारियों द्वारा सत्र आयोजित किए जाएंगे।
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