1.3 किलोमीटर लंबा यह पुल, जो पेरिस में प्रतिष्ठित एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है, कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर का एक महत्वपूर्ण लिंक बनाता है, जो 21,653 करोड़ रुपये के उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे का हिस्सा है।
रेल मंत्रालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी की यूएसबीआरएल परियोजना में एक और मील का पत्थर! चिनाब ब्रिज पर ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो गया है। इसके पूरा हो जाने के बाद यह पुल जम्मू और कश्मीर के दूरदराज के क्षेत्रों के लिए नई संभावनाएं खोलेगा।
रियासी शहर से 42 किलोमीटर दूर बक्कल तथा कौरी के बीच स्टील और कंक्रीट के मेहराबदार पुल का आधार नवंबर 2017 में पूरा हो गया था, जिससे बाद मुख्य मेहराब का निर्माण शुरू हो गया था।
पुल पर एक और मील का पत्थर पिछले साल अगस्त में हासिल किया गया था जब पुल के ओवरआर्क डेक को 'गोल्डन जॉइंट' के साथ पूरा किया गया। जिससे पुल पर ट्रैक बिछाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
अधिकारियों के अनुसार, पुल का निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ था लेकिन क्षेत्र में लगातार तेज हवाओं को देखते हुए रेल यात्रियों की सुरक्षा के पहलू पर विचार करने के लिए 2008-09 में निलंबित कर दिया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि एक बार पूरा हो जाने के बाद, पुल 260 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं का सामना करने में सक्षम होगा तथा इसकी उम्र 120 साल होगी।
उच्चतम रेलवे पुल के अलावा, यूएसबीआरएल परियोजना में 12.75 किमी की कुल लंबाई वाली सबसे लंबी रेलवे सुरंग, पहला केबल-स्टे ब्रिज जैसे कई कार्य प्रथम हैं, जो पूरा होने पर 21वीं सदी का एक इंजीनियरिंग चमत्कार होगा।
कुल 272-किमी USBRL परियोजना में से, 161-किमी को चरणों में बाटा किया गया था, पहले चरण के साथ 118-किमी काजीगुंड-बारामूला खंड अक्टूबर 2009 में चालू हुआ, इसके बाद जून 2013 में 18-किमी बनिहाल-काजीगुंड तथा 25-किमी उधमपुर -कटरा जुलाई में चालू हुआ।
स्वतंत्रता के बाद शुरू की जा रही सबसे चुनौतीपूर्ण रेलवे परियोजना पर काम 1997 में शुरू किया गया था जिससे भारी लागत वृद्धि के बीच कई समय सीमा समाप्त हो गई है।
निर्माणाधीन 111 किलोमीटर कटरा-बनिहाल रेलवे मार्ग में कुल 37 पुल (26 प्रमुख तथा 11 छोटी), 164 किलोमीटर की लंबाई वाली 35 सुरंगें (97.64 किमी के साथ मुख्य 27 तथा 66.40 किमी के साथ आठ निकास सुरंगें) हैं।
0 टिप्पणियाँ