प्रशासन ने पीएमएवाई के तहत 5000 घरों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की, 10 दिनों में मंजूरी मिलने की संभावना


जम्मू, 06 अक्टूबर : केंद्र सरकार से मंज़ूरी मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत उन लोगों को मकान आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिनके घर हालिया भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। अधिकारियों के अनुसार, लगभग 5000 से अधिक प्रभावित परिवारों का विवरण प्राप्त हुआ है और उनके दस्तावेज़ आवास सॉफ्ट पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं। प्रशासन को उम्मीद है कि अगले दस दिनों में मकानों की मंज़ूरी मिल जाएगी।

पीएमएवाई के तहत प्रत्येक लाभार्थी को कुल 1.60 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी — जिसमें पहली किस्त 50,000 रुपये, दूसरी 70,000 रुपये, तीसरी 10,000 रुपये, घरेलू शौचालय के लिए 12,000 रुपये और मनरेगा के तहत 20,000 रुपये शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश क्षतिग्रस्त मकान जम्मू संभाग में हैं, जबकि कश्मीर घाटी के कुछ इलाकों में भी नुकसान हुआ है। अब तक कुल 5061 घरों के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि की गई है।

इससे पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घोषणा की थी कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में पीएमएवाई के तहत 5000 से अधिक मकानों के निर्माण को मंज़ूरी दी है। प्रशासन फिलहाल लाभार्थियों के राशन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करने में जुटा है।

केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में जम्मू दौरे के दौरान बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए पीएमएवाई के तहत सहायता का आश्वासन दिया था।

प्रशासन ने बताया कि प्रभावित लोगों को राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के मानदंडों के तहत प्राथमिक राहत पहले ही जारी की जा चुकी है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि एसडीआरएफ की राहत राशि बहुत मामूली है और वास्तविक नुकसान की तुलना में अपर्याप्त है।

बाढ़ में 3237 किलोमीटर सड़कें और 70 पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा, फसलों, जमीन, निजी संपत्तियों और सरकारी बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का आकलन पूरा कर लिया गया है और इसकी विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी गई है।

प्रशासन को उम्मीद है कि केंद्र सरकार पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की तर्ज पर एक व्यापक राहत पैकेज मंज़ूर करेगी, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में नुकसान और हताहतों की संख्या इन राज्यों से कहीं अधिक है।

इस बीच, केरल की एक निजी संस्था ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 1500 मकानों के निर्माण का आश्वासन दिया है। प्रत्येक घर की लागत करीब 9 लाख रुपये होगी और संस्था द्वारा इस महीने से निर्माण कार्य शुरू करने की उम्मीद है।

सरकारी ढांचे को हुए नुकसान की दो श्रेणियाँ बताई गई हैं — एक, वह जिनका पुनर्निर्माण एनएचएआई और बीआरओ जैसी एजेंसियाँ करेंगी, और दूसरी, वे सड़कें, पुल, नाले व गलियाँ जिनकी मरम्मत की ज़िम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की है।

बाढ़ और भूस्खलन में अब तक लगभग 180 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से अधिकतर जम्मू संभाग के हैं। 14 अगस्त को किश्तवाड़ के चशोती में आई अचानक बाढ़ में लगभग 100 लोग मारे गए या लापता हो गए थे, जिनमें अधिकांश मचैल माता मंदिर के तीर्थयात्री थे। इसके अलावा, 26 अगस्त को अध कुंवारी में भूस्खलन के कारण वैष्णो देवी मंदिर के 34 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी।

सूत्रों के अनुसार, यदि चशोती क्षेत्र में लापता लगभग 30 लोगों को मृत मान लिया जाए, तो जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन से मृतकों की कुल संख्या लगभग 180 तक पहुँच जाती है।


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