एक अधिकारी ने कहा, "फंसे हुए यात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए निम्नलिखित ट्रेन सेवाएं चलाई जा रही हैं: जम्मू तवी-श्री माता वैष्णो देवी कटरा (2 शटल सेवाएं), जम्मू तवी-कोलकाता और श्री माता वैष्णो देवी कटरा-नई दिल्ली।"
हाल ही में हुई भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के बाद पठानकोट-जम्मू खंड में कई स्थानों पर रेल लाइन के गलत संरेखण और टूटने के कारण पिछले आठ दिनों से जम्मू रेलवे डिवीजन में रेल यातायात स्थगित है।
26 अगस्त (मंगलवार) से जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश के कारण रेल और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे बड़ी संख्या में लोग, खासकर तीर्थयात्री, फँस गए हैं। कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर के पास हुए भूस्खलन में 34 लोगों की जान चली गई। बुधवार तक जम्मू क्षेत्र में 1910 के बाद से सबसे ज़्यादा 380 मिमी बारिश दर्ज की गई।
एक अधिकारी ने कहा, "फंसे हुए यात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए निम्नलिखित ट्रेन सेवाएं चलाई जा रही हैं: जम्मू तवी-श्री माता वैष्णो देवी कटरा (2 शटल सेवाएं), जम्मू तवी-कोलकाता और श्री माता वैष्णो देवी कटरा-नई दिल्ली।"
अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कटरा खंड पर शटल सेवा के लिए चार रेलगाड़ियां शामिल की गई हैं, जो 1 से 15 सितंबर तक चलेंगी। रेलवे ने संपर्क क्रांति और सियालदह एक्सप्रेस ट्रेनों, कांत्री एक्सप्रेस, वंदे भारत, त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस और शटल सेवाओं का परिचालन बहाल कर दिया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘स्थानीय लोगों और जम्मू एवं कटरा के बीच फंसे यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए दो जोड़ी ट्रेनों के साथ शटल सेवाएं शुरू कर दी गई हैं।’’ उन्होंने बताया कि जम्मू-कोलकाता और वैष्णो देवी-नई दिल्ली ट्रेनें चल रही हैं।
वंदे भारत ट्रेन का परिचालन 7 सितंबर से पुनः शुरू होगा। कुल 5,784 फंसे हुए यात्रियों को जम्मू से सात ट्रेनों में आगे की यात्रा के लिए रवाना किया गया है।

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