वैष्णो देवी भूस्खलन : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने मौतों पर दुख जताया, पूछा तीर्थयात्रियों को क्यों नहीं रोका गया

भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है, बचाव दल मलबे के नीचे से और शव निकाल रहे हैं।


जम्मू, 27 अगस्त : जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को वैष्णो देवी भूस्खलन में हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया और पूछा कि जब आपदा की चेतावनी दी गई थी तो अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों को मार्ग पर जाने से क्यों नहीं रोका।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है, क्योंकि बचाव दल ने मलबे के नीचे से और शव निकाले हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी। यह आपदा जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में पहाड़ी पर स्थित मंदिर के मार्ग पर हुई थी।

मंगलवार को अपराह्न तीन बजे के आसपास जब पहाड़ की ढलान ढह गई और पत्थर, शिलाखंड तथा चट्टानें गिरने लगीं, तो तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई, जिससे लोग अचानक गिर पड़े।

यहां पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "हमें इस बारे में बाद में बात करनी होगी। जब हमें मौसम के बारे में पता था, तो क्या हमें उन लोगों की जान बचाने के लिए कुछ कदम नहीं उठाने चाहिए थे? मौसम की चेतावनी हमें कुछ दिन पहले ही मिल गई थी।"

उन्होंने अधिकारियों से सवाल किया, "ये लोग ट्रैक पर क्यों थे? उन्हें रोका क्यों नहीं गया? उन्हें सुरक्षित जगह क्यों नहीं पहुँचाया गया? इस पर बाद में चर्चा होगी। हमें 29-30 अनमोल जानें जाने का दुख है।"

भूस्खलन कटरा से मंदिर तक 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते के लगभग मध्य में हुआ।

मंदिर तक पहुँचने के दो रास्ते हैं। मंगलवार सुबह से ही हिमकोटि ट्रेक मार्ग पर यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन दोपहर 1.30 बजे तक यह पुराने मार्ग से चल रही थी, जब अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए इसे अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया।


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