अधिकारियों ने बताया कि सड़ी-गली लाश नदी में देखी गई और बाद में मौसम में सुधार के बाद तेज किए गए तलाशी अभियान के बीच बचावकर्मियों ने आज सुबह उसे बरामद कर लिया।

मौसम में सुधार के बाद बचाव दल ने एक महिला का शव बरामद किया, जबकि खोजी कुत्तों की मदद से एक अन्य शव का हिस्सा भी मलबे के नीचे से मिला। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में तीन सीआईएसएफ कर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) शामिल हैं।
अब तक 167 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि संशोधित सूची के अनुसार लापता लोगों की संख्या घटकर 39 रह गई है। प्रभावित इलाके में सेना, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, बीआरओ, सीआईएसएफ और स्थानीय स्वयंसेवकों की टीमें युद्धस्तर पर बचाव और राहत अभियान चला रही हैं।
बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है जिसमें 16 घर, सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पवनचक्की , एक अस्थायी बाज़ार, लंगर स्थल और एक 30 मीटर लंबा पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। एक दर्जन से अधिक वाहन भी बाढ़ की चपेट में आ गए।
सेना की व्हाइट नाइट कोर ने जानकारी दी कि पाँच राहत टुकड़ियाँ लगातार तैनात हैं और अतिरिक्त चिकित्सा दलों को भी भेजा गया है। रविवार को सेना के इंजीनियरों ने चिसोटी नाले पर एक बेली ब्रिज बनाकर मचैल माता मंदिर से संपर्क बहाल किया, वहीं ऑल-टेरेन वाहनों को भी राहत अभियान में शामिल किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र बहुत बड़ा है और राहत अभियान में समय लग सकता है, लेकिन सभी टीमें लगातार प्रयासरत हैं।

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