
सुरक्षा एजेंसियों को चार आतंकवादियों की मौजूदगी और उनके पास अत्याधुनिक हथियारों और विस्फोटकों की विशेष सूचना मिली थी, जिसके आधार पर सेना, पुलिस, एसओजी और अर्धसैनिक बलों ने आज सुबह बिहाली वन क्षेत्र में संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया।
सुबह करीब साढ़े आठ बजे आतंकवादियों से पहला संपर्क हुआ। जम्मू रेंज के पुलिस महानिरीक्षक भीम सेन टूटी ने बताया कि ऑपरेशन अब भी जारी है और कोहरे व खराब मौसम के बावजूद तलाशी अभियान में कोई ढील नहीं दी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। बाकी तीन आतंकवादियों को मार गिराने के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। फंसे हुए आतंकवादी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े बताए जा रहे हैं, जो करूर नाले के समीप छिपे हुए हैं।
पिछले एक वर्ष से अधिक समय से बसंतगढ़ क्षेत्र में आतंकवादियों की गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है। अब तक की मुठभेड़ों में एक सेना कमांडो, एक सीआरपीएफ इंस्पेक्टर और एक ग्राम रक्षा गार्ड शहीद हो चुके हैं, जबकि तीन विदेशी आतंकवादी मारे गए हैं।
सेना की व्हाइट नाइट कोर ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर जानकारी देते हुए बताया कि विशेष खुफिया सूचना के आधार पर शुरू किया गया यह अभियान अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है।
गौरतलब है कि 24 अप्रैल को डुडू क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान एक वरिष्ठ सेना कमांडो शहीद हुए थे, वहीं आतंकवादी भागने में सफल रहे थे। इससे पूर्व 9 अप्रैल को रामनगर के जोफर-मार्टा क्षेत्र और 11 सितंबर को बसंतगढ़ के ऊपरी इलाकों में भी मुठभेड़ें हो चुकी हैं।
29 अप्रैल, 2023 को पनारा गांव में हुई गोलीबारी में एक ग्राम रक्षा गार्ड ने शहादत दी थी, जबकि 19 अगस्त, 2024 को डुडू में मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर शहीद हुए थे।
वर्तमान अभियान में सेना के पैरा कमांडो, जम्मू-कश्मीर पुलिस, अर्धसैनिक बल और एसओजी की संयुक्त टीमें शामिल हैं, जो बसंतगढ़, डुडू और रामनगर क्षेत्र के जंगलों और ऊपरी पहाड़ी इलाकों में सक्रिय आतंकी समूहों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सुरक्षा बलों का कहना है कि ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक सभी आतंकवादी निष्क्रिय नहीं कर दिए जाते।
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