13 किलोमीटर सड़क क्षतिग्रस्त, अगले 36 घंटों में मौसम ठीक रहने पर यातायात की अनुमति होगी : डीसी रामबन

मेहर क्षेत्र में घटना के चश्मदीद ट्रक चालक मोहम्मद यूनिस ने बताया, “पूरा पहाड़ जैसे भूकंप में हिल गया और फिर एक तेज़ आवाज के साथ सब कुछ ढह गया। हमने अपनी आंखों के सामने राजमार्ग को गायब होते देखा।”
स्थानीय ग्रामीणों ने अपने मवेशियों के मारे जाने पर गहरा शोक जताया। नचलाना गांव के किसान गुलाम नबी ने कहा, “मैंने उन्हें बच्चों की तरह पाला था। मिट्टी में दबते समय उनकी चीखें आज भी मेरे कानों में गूंज रही हैं।”
फंसे हुए यात्रियों में दहशत फैल गई। 3 वर्षीय बेटे के साथ यात्रा कर रही एक महिला शाज़िया बानो ने कहा, “ऐसा लगा जैसे पहाड़ चीख रहा हो। हम बस से कूदे और जान बचाने के लिए दौड़ पड़े।” यात्रियों ने बताया कि बड़े-बड़े पत्थर बारिश के साथ गिर रहे थे और धूल की वजह से कुछ भी देखना संभव नहीं था।
भूस्खलन से पंथयाल, नचलाना, मरोग और कैफेटेरिया मोड़ जैसे प्रमुख मार्ग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सीमा सड़क संगठन (BRO) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की टीमें मलबा हटाने में जुटी हैं, लेकिन लगातार बारिश से राहत कार्य बाधित हो रहा है।
रामबन के डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिला प्रशासन और जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद से आपातकालीन आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गई है। फंसे यात्रियों को भोजन और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा, “लगातार बारिश के कारण राहत कार्यों में रुकावट आ रही है। यदि मौसम अनुकूल रहा तो अगले दो से तीन दिनों में सड़क को एकतरफा यातायात के लिए खोला जा सकता है।” प्रारंभिक आकलन के अनुसार, लगभग 13 किलोमीटर सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले डीसी रामबन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल और यातायात विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
राजमार्ग की बहाली फिलहाल मौसम पर निर्भर है।
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