जहां तक राष्ट्रीय राजमार्ग का सवाल है, पंथियाल के पास का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

जिलाधिकारी बसीर-उल-हक चौधरी ने बताया कि बघाना गांव में हुए भूस्खलन में दो मकान ढह गए, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 200 से 250 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है।
राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और स्थानीय प्रशासन भी सक्रिय रूप से काम में जुटा है। सबसे अधिक नुकसान रामबन कस्बे में हुआ है।
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेन्द्र चौधरी ने स्थिति का जायज़ा लेने के लिए रामबन का दौरा किया। उन्होंने राहत कार्यों का निरीक्षण किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से संवेदनशील वर्गों को तत्काल निकालने और आवश्यक सहायता प्रदान करने की मांग की। उन्होंने भूस्खलन की बार-बार होने वाली घटनाओं को देखते हुए दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और राहत व पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की जाएगी।
अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे मौसम में सुधार और राजमार्ग की सफाई पूरी होने तक यात्रा से बचें और प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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