उन्होंने बताया कि आगामी नवरात्रि में इस प्रवृत्ति के और बढ़ने की संभावना है

एसएमवीडीएसबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अंशुल गर्ग ने बताया कि रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित इस मंदिर में प्रतिदिन लगभग 40,000 श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, और सप्ताहांत में यह संख्या और भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, "आगामी नवरात्रि के दौरान तीर्थयात्रियों की संख्या में और वृद्धि होने की उम्मीद है।"
सीईओ ने आगे बताया कि श्री मनोज सिन्हा जी की अध्यक्षता में बोर्ड ने तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को समायोजित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें सुचारू और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए नई सुविधाओं का शुभारंभ किया जा रहा है।
गर्ग ने कहा, "करीब 95 प्रतिशत तीर्थयात्री पारंपरिक तीर्थयात्रा मार्ग का पालन करते हैं, और इस मार्ग के लिए बोर्ड ने कई सुविधाएं शुरू की हैं, जिनमें आवास, विश्राम और लंगर सेवाओं का विस्तार और सुधार शामिल है।" उन्होंने यह भी घोषणा की कि दिव्यांग तीर्थयात्रियों के लिए निशुल्क स्थान अटका आरती और अर्धकुंवारी में गर्भजून आरती के लिए आरक्षित किए जाएंगे।
इसके अलावा, सीईओ ने बताया कि दिव्यांगों के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग में समर्पित कोटा और मुफ्त बैटरी कार सेवाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिए अग्रिम ऑनलाइन बुकिंग अब वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग तीर्थयात्रियों के लिए विशेष श्रेणी में की जा सकती है।
नई सुविधाओं के तहत, अर्धकुंवारी में 1,500 तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम क्षेत्र भी स्थापित किया जा रहा है, जिसमें जल एटीएम, प्रसाद कियोस्क, जलपान इकाइयाँ और गर्भजून आरती का सीधा प्रसारण जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
इसके अलावा, पवित्र पिण्डियों की हाल ही में जारी की गई तस्वीरें अब तीर्थस्थल की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। सीईओ ने यह भी बताया कि अब तीर्थयात्री *maavaishnodevi.org* पर "ऑनलाइन सेवा" टैब के तहत होम डिलीवरी के लिए बुकिंग कर सकते हैं।
इस चैत्र नवरात्रि में पुनर्निर्मित दो मंजिला क्यू कॉम्प्लेक्स के साथ दर्शनी ड्योढ़ी तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसमें एक समय में 2,000 तीर्थयात्रियों को समायोजित किया जा सकता है।
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