किश्तवाड़ और कठुआ में दो कट्टर ओजीडब्ल्यू पर पीएसए के तहत मामला दर्ज : पुलिस

पुलिस ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को खत्म करने तथा सार्वजनिक शांति की रक्षा के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया

जम्मू, 27 दिसंबर : पुलिस ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर निर्णायक कार्रवाई करते हुए दो व्यक्तियों पर विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के लिए सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो जम्मू क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा बनाए रखने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

जीएनएस को दिए गए एक हैंडआउट में पुलिस ने बताया कि किश्तवाड़ में पुलिस ने हुंजाला, तहसील और जिला किश्तवाड़ निवासी मोहम्मद अशरफ बट के बेटे जाफर हुसैन बट पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया है। जाफर, एक जाना-माना ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) है, जो प्रतिबंधित संगठनों को उनकी गैरकानूनी गतिविधियों में सक्रिय रूप से मदद करता रहा है। उसकी हरकतों से क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा को गंभीर खतरा है।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, गहन जांच और प्रक्रियागत तत्परता के बाद जाफर को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया तथा बाद में उसे जिला जेल कठुआ में रखा गया। इस कदम का उद्देश्य किश्तवाड़ के युवाओं को ऐसे व्यक्तियों के प्रभाव से बचाना और जिले में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करना है।

इस बीच कठुआ में जिला पुलिस ने लोहाई मल्हार, तहसील मल्हार, जिला कठुआ निवासी अब्दुल मजीद के बेटे लियाकत अली को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में लिया। जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय, कठुआ ने 10 दिसंबर, 2024 को हिरासत आदेश (OB नंबर PSA/132) जारी किया और लियाकत को 14 दिसंबर, 2024 को सेंट्रल जेल कोट भलवाल, जम्मू में रखा गया।

लियाकत का राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लंबा इतिहास रहा है। उसका नाम पहली बार 2003 में सामने आया था, जब उस पर पुलिस स्टेशन बिलावर में एफआईआर नंबर 148/2003 के तहत गंभीर अपराधों के लिए आरोप लगाया गया था, जिसमें हत्या का प्रयास (आईपीसी 307) और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना (आईपीसी 121 और 121-ए) शामिल था। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में, उस पर कई आपराधिक आरोप लगे हैं, जिनमें उत्पीड़न, गलत तरीके से बंधक बनाना, हमला करना तथा क्षेत्र में आतंकवादी तत्वों की सहायता करना शामिल है।

लियाकत अली के खिलाफ दर्ज एफआईआर में पुलिस स्टेशन मल्हार में एफआईआर संख्या 05/2021 शामिल है - जिसमें आईपीसी की धारा 452 और 509 के तहत उत्पीड़न तथा अतिचार के आरोप शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशन मल्हार में एफआईआर संख्या 15/2022 - जिसमें आईपीसी की धारा 341, 342, 323 और 504 के तहत हमला, गलत तरीके से कारावास और उकसावे के आरोप शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसियों और पुलिस डायरियों से प्राप्त रिपोर्टों से आतंकवादी तत्वों को सैन्य सहायता तथा आश्रय प्रदान करने में उनकी भूमिका की पुष्टि हुई है, जिससे पीएसए के तहत उनकी हिरासत और अधिक नुकसान को रोकने के लिए एक आवश्यक कदम बन गया है।

जम्मू जोन पुलिस ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को खत्म करने तथा सार्वजनिक शांति की रक्षा करने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया। एडीजीपी जम्मू ने कहा कि "हम राज्य के खिलाफ गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों से निपटने के लिए अपने दृष्टिकोण में दृढ़ हैं। उन्होंने कहा कि शांति भंग करने वाले या युवाओं को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल करने का प्रयास करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"

जनता से आग्रह किया गया है कि वे राष्ट्रविरोधी तत्वों, नशीली दवाओं के दुरुपयोग या अन्य गैरकानूनी कृत्यों सहित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देकर पुलिस के साथ सहयोग करें। बयान में कहा गया है कि सूचना देने वालों की पहचान को सख्ती से सुरक्षित रखा जाएगा।

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