कश्मीर तक सीधी रेल लाइन से जम्मू-कश्मीर के पुष्प उत्पादन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा : सीएम उमर अब्दुल्ला

वैश्विक बाजारों में जम्मू-कश्मीर के फूलों की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया

जम्मू, 13 दिसम्बर : जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर के लिए सीधा रेल संपर्क क्षेत्र के पुष्प उत्पादन क्षेत्र को बढ़ावा देगा।

उन्होंने यह बात सिविल सचिवालय में पुष्पकृषि, उद्यान एवं उद्यान विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही, जिसमें विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई तथा इस क्षेत्र की क्षमता को बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने पुष्पकृषि क्षेत्र में अपार अवसरों पर प्रकाश डाला, विशेषकर कश्मीर घाटी को शीघ्र ही रेलवे के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ दिया जाएगा।

उन्होंने कश्मीर के फूलों को पूरे भारत तथा  विश्व स्तर पर बेचने के लिए इस कनेक्टिविटी का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा, "हमें इस क्षेत्र की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए प्रगतिशील उत्पादकों और अन्य हितधारकों को शामिल करना होगा"

उन्होंने विभाग को एयरपोर्ट रोड के किनारे ट्यूलिप के पौधे लगाने का निर्देश दिया ताकि इसकी सुंदरता बढ़ाई जा सके तथा श्रीनगर के प्रतिष्ठित ट्यूलिप गार्डन की ओर अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विज्ञापन अभियान शुरू किया जा सके।

इससे पहले आयुक्त सचिव शेख फैयाज अहमद ने विभाग की कार्यप्रणाली पर विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें उपलब्धियों और चल रही परियोजनाओं पर प्रकाश डाला गया।

चर्चा में शामिल प्रमुख मील के पत्थर और पहलों में ट्यूलिप शो 2024 शामिल है, जिसमें 72 किस्मों के रिकॉर्ड 1.7 मिलियन ट्यूलिप लगाए गए, जिसने मार्च 2024 में 4.46 लाख पर्यटकों को आकर्षित किया।

बैठक में पुष्पकृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास पर भी चर्चा की गई, जिसमें सजावटी चेरी वृक्ष उद्यान (सकुरा) की स्थापना और सनासर में ट्यूलिप गार्डन का निर्माण शामिल था।

पहलगाम में पेओनी तथा  गुलाब के बगीचों की स्थापना पर भी प्रकाश डाला गया, साथ ही छह ऐतिहासिक मुगल उद्यानों को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के रूप में सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया में प्रगति पर भी प्रकाश डाला गया। चर्चा में क्षेत्र के पार्कों और उद्यानों के आधुनिकीकरण तथा  संवर्धन के उद्देश्य से चल रही और आगामी विभिन्न परियोजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

इनमें बाग-ए-बहू गार्डन का उन्नयन और जम्मू में बौर कैंप गार्डन की स्थापना शामिल थी।

जिन अन्य परियोजनाओं पर चर्चा की गई उनमें उधमपुर में गुलदाउदी बागानों का विकास, बादामवारी का उन्नयन और दारा शिकोह गार्डन की स्थापना शामिल थी।

गुलमर्ग में थीम गार्डन बनाने, पुष्पकृषि नर्सरियों के विकास और जम्मू में एक आदर्श पुष्प केंद्र की स्थापना पर भी विचार-विमर्श किया गया।

इसके अतिरिक्त, बाग-ए-बाहु में एम्फीथियेटर और सौंदर्यीकरण परियोजनाओं की योजनाओं की समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री ने संसाधनों का अधिकतम उपयोग करते हुए और राजस्व उत्पन्न करते हुए दक्षता बढ़ाने के लिए उद्यान रखरखाव के आधुनिकीकरण तथा  मशीनीकरण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विभाग से जम्मू-कश्मीर की समृद्ध प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने वाली पहलों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने उद्यानों के रखरखाव, संसाधन अनुकूलन और राजस्व सृजन के आधुनिकीकरण और मशीनीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने विभाग से उन परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया जो जम्मू-कश्मीर की प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए राज्य की पर्यटन क्षमता को बढ़ाएं।

बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी, मुख्यमंत्री के एसीएस धीरज गुप्ता, आयुक्त सचिव फ्लोरीकल्चर, पार्क एवं उद्यान शेख फैयाज अहमद, फ्लोरीकल्चर कश्मीर/जम्मू के निदेशक और अन्य संबंधित लोग उपस्थित थे।

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