जम्मू-कश्मीर : रोपवे परियोजना के खिलाफ कटरा में 72 घंटे का बंद शुरू, प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए

श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने बंद का आह्वान किया है और कहा है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान कटरा में सभी गतिविधियां स्थगित रहेंगी

रियासी, 26 दिसंबर : जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर कटरा में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया, जबकि प्रस्तावित रोपवे परियोजना को स्थगित करने की मांग तेज हो गई है तथा शहर में बुधवार से 72 घंटे का बंद बुलाया गया है।

श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने बंद का आह्वान किया और कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान कटरा में सभी गतिविधियां स्थगित रहेंगी।

समिति के नेता भूपिंदर सिंह तथा सोहन चंद के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने कस्बे में विरोध मार्च निकाला और श्राइन बोर्ड तथा प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए तथा उन पर अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

हालाँकि, जब पुलिस कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका तो दोनों पक्षों के बीच झड़पें शुरू हो गईं।

अधिकारियों ने बताया कि सिंह और चांद सहित कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया और उन्हें पुलिस वाहन में डालकर प्रदर्शन स्थल से ले जाया गया।

सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे को भटका रही है और कटरा के लोगों को सड़कों पर आने के लिए मजबूर कर रही है।

उन्होंने कहा, "हम हजारों लोगों की नौकरियां बचाने के लिए इस परियोजना को बंद करने की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने हमसे जो वादा किया था, उसके अनुसार बातचीत करने के बजाय वे हमें हिरासत में लेने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।"

पूर्व मंत्री जुगल किशोर ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ “बल प्रयोग” की आलोचना की।

किशोर ने संवाददाताओं से कहा, "हम शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग करने के प्रशासन के कदम की कड़ी निंदा करते हैं। उनकी कार्रवाई का उद्देश्य कटरा में स्थिति को बिगाड़ना है, जो अस्वीकार्य है।"

उन्होंने प्रशासन पर बातचीत से बचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "चर्चा करने के बजाय, वे स्थिति को और बिगाड़ रहे हैं।"

विरोध प्रदर्शन के आह्वान पर सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे तथा पवित्र शहर में सड़कों से यातायात नदारद रहा।

समिति के प्रवक्ता ने कहा, "प्रस्तावित रोपवे परियोजना के विरोध में टट्टू मालिकों, दुकानदारों और अन्य स्थानीय हितधारकों द्वारा 72 घंटे का बंद बुधवार को शुरू हुआ।"

प्रवक्ता ने बताया कि प्रशासन ने पहले 23 दिसंबर को बैठक निर्धारित की थी, लेकिन इसे आज अपराह्न 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

उन्होंने कहा, "हमने आज डिप्टी कमिश्नर से मुलाकात की, जिन्होंने उच्च अधिकारियों से परामर्श करने के लिए और समय मांगा। इसलिए, हमने हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।"

पिछले महीने, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों तथा अन्य लोगों के लिए मंदिर तक पहुंच को आसान बनाने के लिए रोपवे स्थापित करने की योजना की घोषणा की थी, जिन्हें गुफा मंदिर तक 13 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना चुनौतीपूर्ण लगता है।

प्रस्तावित 250 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्देश्य ताराकोट मार्ग को सांझी छत से जोड़ना है, जो मंदिर तक जाता है।

इस बीच, तीर्थयात्रियों ने बंद पर निराशा व्यक्त की, उन्होंने कहा कि भोजनालय बंद हो गए हैं तथा स्थानीय परिवहन निलंबित हो गया है, जिससे काफी असुविधा हुई है।

एक तीर्थयात्री ने संवाददाताओं से कहा, "हमें बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। तीन दिन के बंद के दौरान तीर्थयात्री कहाँ खाएँगे या आराम करेंगे? विरोध करने का यह सही तरीका नहीं है।"

उन्होंने कहा, "हम विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वालों से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि वे हड़ताल समाप्त कर दें, क्योंकि हजारों तीर्थयात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।"

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