इस अभियान मार्ग को दुनिया के सबसे जोखिम भरे मार्गों में से एक माना जाता है
एक रक्षा प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि जम्मू से योल के रास्ते कोमिक, हिमाचल प्रदेश तक टाइगर प्राउल साइकिलिंग अभियान 2024 भारतीय सेना की अदम्य भावना तथा लचीलेपन का उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि 18 सदस्यों वाले इस अभियान को मेजर जनरल मुकेश भनवाला, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, टाइगर डिवीजन, जम्मू द्वारा 20 सितंबर 2024 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। यह दल पूरे हिमाचल प्रदेश में चुनौतीपूर्ण मार्ग और बदलती मौसम स्थितियों को पार करते हुए लगभग 988 किलोमीटर की दूरी तय करेगा, जिसमें से अधिकांश यात्रा सड़क मार्ग से हटकर होगी।
इस अभियान मार्ग को मौसम की चरम स्थितियों तथा भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों के कारण दुनिया के सबसे जोखिम भरे मार्गों में से एक माना जाता है, जो प्रतिभागियों के लिए अद्वितीय साहसिक अनुभव प्रदान करता है। अभियान भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार द्वारा घोषित पाँच जीवंत गाँवों सहित 26 सीमावर्ती गाँवों से होकर गुज़रेगा। बयान में कहा गया है कि साइकिलिंग टीम चितकुल, चांगो, पूह, लियो तथा नाको के जीवंत गाँवों से गुज़रेगी और हर्लिंग, ताबो और काज़ा से भी गुज़रेगी, 16 अक्टूबर 2024 को काज़ा में अपने अभियान का समापन करेगी।
बयान के अनुसार, अभियान दल रास्ते में अग्निपथ योजना, अधिकारी प्रवेश योजना और सैनिक स्कूलों, राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज, देहरादून तथा अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, चेन्नई में बालिका प्रवेश के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किताबें और पर्चे वितरित करेगा। साइकिल चालक रास्ते में भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों की विधवाओं तथा वीरता पुरस्कार विजेताओं से भी मिलेंगे। चुनौतीपूर्ण इलाकों और जीवंत गांवों से गुजरते हुए, अभियान सेवा और सौहार्द के उस लोकाचार को दर्शाता है जो भारतीय सेना को परिभाषित करता है और उनकी शारीरिक सहनशक्ति और जोश-खरोश को दर्शाता है।
इसके अलावा, स्थानीय लोगों के साथ बातचीत से सशस्त्र बलों तथा नागरिक आबादी के बीच संबंध भी मजबूत होंगे, जो राष्ट्रीय एकता और सीमा विकास के प्रति समर्पण को दर्शाएगा तथा सामुदायिक संबंधों को बढ़ावा देने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को उजागर करेगा।
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