'जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू-कश्मीर की प्रगति के पहिये को गतिमान रखा' है

रियासी के तलवारा स्थित सब्सिडियरी ट्रेनिंग सेंटर में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 16वें बीआरटीसी बैच की सत्यापन-सह-पासिंग आउट परेड में भाग लेते हुए एलजी सिन्हा ने कहा, "आतंकवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है और इसने हमारे पड़ोसी, आतंक के निर्यातक को हताश कर दिया है। हाल की आतंकी घटनाएं हमारे दुश्मन की हताशा का संकेत हैं। हमारा उद्देश्य आतंकवाद का पूर्ण उन्मूलन करना है। हमें आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को पकड़ना चाहिए, जो उन्हें पनाह दे रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सदैव उच्च स्तर की व्यावसायिक उत्कृष्टता का परिचय दिया है।
उपराज्यपाल ने कहा, "कई दशकों से यह विशिष्ट पुलिस बल हमारे देश की अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए समर्पण के साथ काम कर रहा है और जम्मू-कश्मीर की प्रगति के पहिये को गतिमान बनाए रखा है।"
उन्होंने कहा कि रियासी स्थित सहायक पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र एक प्रतिष्ठित संस्थान है जो आतंकवाद और कानून-व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस मूल्यों और व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण देने के लिए समर्पित है।
एलजी सिन्हा ने कहा, "मुझे विश्वास है कि ये बहादुर कर्मी पूरी जिम्मेदारी, संवेदनशीलता और समर्पण के साथ अपना कर्तव्य निभाएंगे और जम्मू-कश्मीर पुलिस की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएंगे।"
जम्मू-कश्मीर पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने राष्ट्र के प्रति उनकी वीरता, बलिदान और निस्वार्थ सेवा के लिए बल की सराहना की।
जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रशासन, पुलिस और सुरक्षा बलों के संकल्प को दोहराते हुए उपराज्यपाल ने भर्ती हुए जवानों से आतंकवादी खतरों को बेअसर करने में एक बल के रूप में काम करने को कहा।
मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध और कट्टरपंथ के उभरते खतरों पर बोलते हुए उन्होंने पुलिस में उच्च स्तर की प्रेरणा और व्यावसायिकता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि दुश्मनों से एक कदम आगे रहा जा सके।
एलजी सिन्हा ने कहा, "मुझे जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना तथा हमारी सुरक्षा एजेंसियों पर पूरा भरोसा है। वे न केवल नागरिकों की सुरक्षा तथा तत्काल जरूरतों के प्रति उत्तरदायी हैं, बल्कि साइबरस्पेस में आतंकवाद से भी प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं।"
उन्होंने नागरिक कार्य कार्यक्रमों के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की भी सराहना की।
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘हम पुलिस बल के आधुनिकीकरण तथा पुलिस, सुरक्षाकर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
उन्होंने सीमा बटालियन के पास आउट कैडेटों को जम्मू-कश्मीर पुलिस का अभिन्न अंग बनने के लिए बधाई दी।
एलजी सिन्हा ने राष्ट्रीय सलामी ली, परेड का निरीक्षण किया और टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत प्रभावशाली मार्च पास्ट की सलामी ली।
उन्होंने कैडेटों को सम्मानित किया तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए।
सीमा बटालियन के कुल 860 रिक्रूट कांस्टेबलों ने एसटीसी में अपना कठोर प्रशिक्षण पूरा किया।
पास आउट होने वाले कैडेटों को अपने कर्तव्यों का निष्ठा एवं ईमानदारी से निर्वहन करने की शपथ दिलाई गई।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि रंजन स्वैन ने नवनियुक्त पुलिसकर्मियों को शुभकामनाएं दीं और उनसे ईमानदारी से काम करने तथा जनता की सेवा में समर्पित होने को कहा।
एसटीसी तलवारा के प्रिंसिपल जमील अहमद ने प्रशिक्षण कार्यक्रम और बेसिक रिक्रूट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला विकास परिषद (डीडीसी) रियासी के अध्यक्ष सर्राफ सिंह नाग; अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) कानून एवं व्यवस्था विजय कुमार; एडीजीपी जम्मू आनंद जैन और उपराज्यपाल के प्रधान सचिव मंदीप कुमार भंडारी भी उपस्थित थे।
0 टिप्पणियाँ