जम्मू, 14 मार्च: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद ने फार्मेसी एक्ट, 1948 (सेंट्रल एक्ट) की धारा 32-सी में संशोधन के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है। एक अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता और उपराज्यपाल के प्रधान सचिव मनदीप कुमार भंडारी बैठक में शामिल थे। इस निर्णय का उद्देश्य 5 अक्टूबर, 2020 के एस ओ नंबर 3465 (ई) के तहत एक अनुकूलन आदेश के माध्यम से फार्मेसी अधिनियम, 1948 (केंद्रीय अधिनियम) में डाली गई धारा 32-सी में संशोधन करना है।
वर्तमान प्रस्ताव फार्मेसी अधिनियम, 1948 की मौजूदा धारा 32-सी में इस प्रभाव के लिए संशोधन के लिए है कि धारा 32 में निहित किसी भी बात के बावजूद, कोई भी व्यक्ति जिसका नाम जम्मू के तहत बनाए गए फार्मासिस्ट के रजिस्टर में दर्ज किया गया है। कश्मीर फार्मेसी अधिनियम, 2011 (1955 ईस्वी) या उक्त अधिनियम के तहत निर्धारित योग्यता वाले चिकित्सा सहायक को इस अधिनियम के अध्याय IV के तहत तैयार और बनाए गए फार्मासिस्टों के रजिस्टर में दर्ज किया गया माना जाएगा, एक आवेदन के अधीन पुन: अधिसूचना की तारीख से शुरू होने वाली एक वर्ष की अवधि के भीतर और इस तरह के शुल्क के भुगतान के रूप में जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।
इस कदम से सैकड़ों योग्य व्यक्तियों और चिकित्सा सहायक प्रशिक्षित व्यक्तियों को उनके भविष्य की सुरक्षा करने और उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर करियर की संभावनाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी।


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