एक ऐसी कविता जिसमें देश के नागरिकों कों सेना की तरफ से दिया गया धन्यवाद


श्रीनगर, 2 फरवरी: एक ऐसी कविता जिसमें देश के नागरिकों को भारतीय सेना की तरफ से धन्यवाद व आभार दिया गया है। इस कविता के माध्यम से लेखक ने लिखा है कि भारतीय सेना कहती है की मेरी हर जंग में मेरे देश वासियों ने बढ़-चढ़ कर हमारा साथ दिया है, देश की तरक्की के लिए दिन रात अपना खून पसीना बहाया है तब जा कर आज हमारा देश नयी-नयी ऊंचाइयां छू रहा है जिसके लिए सभी देश वासियों को धन्यवाद।  


कविता के लेखक है सागर गोरखपुरी एक सौ छब्बीस हल्की वायु रक्षा रेजिमेंट :-


हम जो भी हैं बस तुमसे है, तुमसे ही देश की शान है।

हम चौकीदार वतन के हैं, पर तुमसे तो देश महान है।।

धन्यवाद, आभार व अभिनंदन करते तुम्हें हर बार है।

तुम हो भारत देश के नागरिक, तुमसे देश महान है।।


हमने बहाया खून पसीना, तुमने भी तो इसे बहाया है।

हमने रखी निगरानी शरहद की, तुमने तो देश सजाया है।।

हम ही नही रखवाले वतन के, तुमने भी देश बचाया है।

देकर वीर सपूत जिगर के, सेना को श्रेष्ठ बनाया है।।

नमन तुम्हें ऐ देश के नागरिक, धन्यवाद और प्रणाम है।

तुम हो भारत देश के नागरिक, तुमसे देश महान है।।


तुम हो तो हममें बल है, तुम हो तो हम ही हम है।

तुमसे है इस देश की शान, फसल हरी हैं गांव महान।।

हमने तो बस रखवाली की, तुमने तो इसे बनाया है।

सुबह शाम हर मौसम में इस देश का मान बढ़ाया है।।

नमन तुम्हे है देश के नागरिक अभिनन्दन प्रणाम है।

तुम हो भारत देश के नागरिक, तुमसे देश महान है।।


जब हुई जंग किसी से अपनी, तुमने भी जोश दिखाया है।

तुम जीतोगे हम है साथ, यह कहकर जोश बढ़ाया है।।

शहीद हुए हम जहां भी जब भी, तुमने शीश झुकाया है।

आंखों में भर कर आंशू, हर शहादत का मान बढ़ाया है।

नमन तुम्हें है देश नागरिक, धन्यवाद आभार है।

तुम हो भारत देश के नागरिक, तुमसे देश महान है।।

 

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